पार्टी के अंदर यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा का वोट प्रतिशत जो 2011 के चुनावों के बाद से लगातार बढ़ता जा रहा है, वह भी इस बार कम हो जाएगा। भाजपा जिन वोटर्स के प्रति पूरी तरह आश्वस्त थी कि वे उसे वोट देंगे, वे किन्हीं कारणों के चलते वोटिंग नहीं कर सके। पार्टी के आंकलन के अनुसार कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर रही वहां हार-जीत का फैसला बहुत मामूली अन्तर से होगा। पार्टी के जिला स्तर के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार दक्षिण केरल में लेफ्ट का वर्चस्व रहेगा जबकि कुछ जगहों पर यूडीएफ के जीतने की उम्मीद ज्यादा है।
लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के अनुसार कुछ सीटों पर संभव है कि जीत का अंतर 500 से भी कम हो सकता है। पार्टी के अनुसार कई जिलों में पूरी तरह से लेफ्ट की जीत होगी जबकि कई जगहों पर यूडीएफ के पक्ष में वोटिंग हुई है। ऐसे में कुछ जगहों पर कहा नहीं जा सकता कि वहां पर लेफ्ट और यूडीएफ में से किसकी जीत होगी। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि इस बार राज्य के मतदाताओं ने कांग्रेस को जिताने के लिए वोट दिया है। उल्लेखनीय है कि केरल विधानसभा चुनाव के लिए छह अप्रैल को मतदान हुआ था। वोट की काउंटिंग दो मई को होगी, उसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे।