चौक नहीं दोराहा पॉश मार्केट वाले हजरतगंज की चमकती सड़कों से निकल कर हम व्यस्त बाजार वाले चौक इलाके में पहुंचते हैं। चौक का मतलब होता है चौराहा, पर यहां के लोगों की बातचीत से लगता है कि सूबे की राजनीति भाजपा और सपा के दोराहे पर है। यहां काम करने वाले रजनेश त्रिवेदी कहते हैं कि योगी सरकार है तो गुंडागर्दी बंद है। वरना आए दिन लूटपाट-मारपीट झेलते थे। भाजपा मंदिर बनवा रही है, जबकि मुलायम सिंह ने तो कारसेवकों पर गोली चलवाई थी। कई युवा रजनेश से सहमति जताते हैं, पर कॉलेज छात्रा प्रतिमा पाल कहती हैं मंदिर-मस्जिद से पेट नहीं भरता। युवाओं को रोजगार चाहिए।
साझी विरासत गोमती नगर के विराज खंड में युवा ऑटो चालक मोहम्मद इस्माइल कहते हैं कि लोगों में योगी सरकार से नाराजगी है। ऑटो में लगी हिंदू देवताओं की तस्वीरों के बारे में पूछने पर कहते हैं, ‘भगवान तो सबके एक ही हैं। ये तो हमने फर्क पैदा कर रखा है। वैसे लखनऊ साझी संस्कृति के लिए हमेशा से जाना जाता रहा है।
नई पहचान यह शहर जितना पुराना है, उतना नया भी है। इन बदलावों को खास तौर पर मायावती के शासनकाल के दलित महापुरुषों के अति भव्य स्मारकों, मूर्तियों और पार्कों में देखा जा सकता है, जो प्रदेश की राजनीति के लैंडस्केप पर जैसे सामाजिक परिवर्तन का लहराता परचम हैं। गोमती किनारे सामाजिक परिवर्तन स्थल पर परिवार संग घूम रहे राजेश पासी कहते हैं, हमारी बात सामने कम आती है, पर दलितों के लिए सामाजिक न्याय ही चुनाव का मुद्दा है। अटल बिहारी वाजपेयी, विजय लक्ष्मी पंडित और हेमवती नंदन बहुगुणा इस शहर से चुने जाते रहे हैं। अब देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसकी नुमाइंदगी करते हैं। लेकिन, इस चुनाव प्रचार में ये चेहरे कहीं याद नहीं किए जा रहे।
चवन्नी-अठन्नी का गणित दरगाह हजरत अब्बास इलाके में अल्पसंख्यक आबादी काफी है। बुजुर्ग हाशिम अली कहते हैं हमें सुरक्षा की गारंटी चाहिए। हमारा कहना साफ है चवन्नी लाइए, अठन्नी और ले जाइए। सपा हो या बसपा या फिर कांग्रेस… जिसके पास अपनी चवन्नी होगी, मुस्लिम समाज उसे अपनी ओर से अठन्नी देने से नहीं हिचकिचाएगा। लखनऊ में मुस्लिम आबादी पिछली जनगणना के मुताबिक लगभग 21 फीसदी है।
कॉफी हाउस का संवाद शाम हो चली है और अशोक रोड स्थित शहर का ऐतिहासिक कॉफी हाउस गुलजार होने लगा है। आस-पास के आधुनिकतम रेस्तराओं के बीच यह खुली-खुली जगह है जहां शहर के लोग तसल्ली से संवाद भी कर लेते हैं। 8-10 लोगों के एक समूह में हम भी शामिल हो जाते हैं। इन्हीं में मौजूद राघवेंद्र नारायण कहते हैं महंगाई से लोग परेशान हैं। जबकि ऐसे ही एक दूसरे समूह में लोग योगी सरकार के शानदार कामों की तारीफ में जुटे हैं। विनोद तिवारी बताते हैं कि कैसे राज्य में ढांचागत सुविधाओं को लेकर शानदार काम हुआ है।
काकोरी की लूट मुख्य शहर से थोड़ा अलग काकोरी नगर पंचायत इलाके में रवि यादव कहते हैं कि राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में यहीं पर अंग्रेजों की ट्रेन लूटी गई थी, पर सरकार आज गरीबों को ही लूटने में लगी है। सरसों तेल दो सौ रुपए और गैस सिलेंडर साढ़े नौ सौ का हो गया है। यहां ज्यादातर लोग महंगाई को लूट बताते हैं। इक्का-दुक्का व्यक्ति ही इस मामले पर सरकार का बचाव करता दिखता है।