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UP Assembly Elections 2022 : यूपी में छिड़ी है डिजिटल जंग, सुबह भगवा तो शाम को समाजवाद का पाठ पढ़ा रहे विशेषज्ञ

UP Assembly Elections 2022 : केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश के बाद सभी पार्टियां डिजिटल चुनाव प्रचार में जुट गई हैं। डिजिटल चुनाव प्रचार में में चुटीले स्लोगन और नारों से कार्यकर्ताओं का जोश काफी बढ़ गया है। चुनाव का एलान होने के बाद सियासी दल नए-नए स्लोगन बनाने में जुटे हैं। सियासी दल इसके लिए बकायदा विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं।

Jan 19, 2022 / 07:03 pm

Amit Tiwari

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UP Assembly Elections 2022 : उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार ने अब तेजी पकड़ ली है। कोविड प्रतिबंधों की वजह से सभी पार्टियां डिजिटल जंग लड़ रही हैं। नेताओं की फौज के बावजूद हर दल ई-प्रचार में जुटा है। देश का यह पहला चुनाव है, जिसमें न तो गलियों और गांव में कानफोड़ू भोपू बज रहा है न ही गाडिय़ों की गर्द-गुबार उठ रही है। पोस्टर, बैनर लिए भागते युवा भी नदारद हैं। सारा हल्ला-गुल्ला डिजिटल पर है। डाटाबेस, वर्कशीट, बैकरूम, वॉर रूम जैसे शब्द चर्चा में हैं। सभी पार्टियों ने अपने फेसबुक पेज और ट्विटर एकाउंट सक्रिय कर दिए हैं। इन्हें दुरुस्त करने के लिए डिजिटल और आईटी पेशवरों की मदद ली जा रही है। लेकिन मुश्किल यही है इतनेन पेशेवर नहीं मिल रहे। यूपी को एकाएक कम से कम 5000 आइटी और सोशल मीडिया की जरूरत आ पड़ी है लेकिन यह नहीं मिल रहे। यही वजह है कि एक ही कंपनी एक साथ कई पार्टियों का सोशल मीडिया प्रचार संभााल रही है। हालत यह है कि सुबह एक ही आदमी भगवा की गाथा गा रहा है तो शाम को वह समाजवादी पाठ पढ़ा रहा होता है। जिन्हें पेशेवर आइटी विशेषज्ञ नहीं मिले वे नेताजी ट्विटर सीख रहे हैं, तो बूढ़े हो चले तमाम नेताओं की अंगुलियां देर रात फेसबुक मैसेज को फॉरवर्ड करने जुटी हैं।
भाजपा में 9000 सोशल मीडिया पदाधिकारी

यूपी भाजपा में करीब 9000 सोशल मीडिया पदाधिकारी बनाये गये हैं। इनकी अब तक 85 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं। हर जिले के 100 से अधिक फेसबुक पेज बने हुए हैं। 11 हजार दक्ष पेशेवरों की पूरी डिजिटल सेना है। जिसमें से एक सोशल मीडिया का काम संभाल रही है, तो दूसरी आईटी सेल। यूपी भाजपा के आईटी सेल प्रभारी कामेश्वर नाथ 24 घंटे डिजिटल चुनाव प्रचार सामग्री बनाने में जुटे रहते हैं।
कांग्रेस करेगी डिजिटल रैलियां

डिजिटल चुनाव प्रचार में कांग्रेस भी पीछे नहीं है। कांग्रेस मुख्यालय के अलावा उत्तर प्रदेश में कई सोशल मीडिया हैंडलर्स कार्यरत हैं। पार्टी की योजना कम से कम 500 फेसबुक पेज, 200 ट्विटर हैंडल्स और 400 के करीब इंस्टाग्राम पेज के जरिए चुनाव लडऩे की है। कांग्रेस अपने घोषणा पत्र को भी ऑनलाइन अभियानों के जरिए आमजनता तक ले जाएगी। उत्तर प्रदेश में रुचिरा चतुर्वेदी कांग्रेस के सोशल मीडिया अभियानों को धार दे रहीं हैं। उनका कहना है कि हर विधानसभा क्षेत्र में 50 सोशल मीडिया योद्धा तैनात हैं, ये हर उम्मीदवार के लिए काम करेंगे। यूपी में कम से कम 200 से अधिक प्रोजक्टर के जरिए कांग्रेस नेताओं के भाषणों को प्रसारित किया जाएगा।
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जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट बना सपा का वॉररूम

समाजवादी पार्टी मुख्यालय के ठीक बगल में स्थित जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में सपा का वॉररूम 24 घंटे काम कर रहा है। डिजिटल रैलियों के लाइव प्रसारण की यहीं से व्यवस्था होगी। पार्टी ने सभी 403 विधानसभा सीटों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाये हैं। समाजवादी डिजिटल फोर्स पूरी तरह से सक्रिय है। घनश्याम तिवारी के नेतृत्व में सपा की डिजिटल सेना काम कर रही है। सपा 22 में बाइसकिल जैसे अभियानों के जरिए फेसबुक पेज पर डिजिटल चुनाव लड़ रही है।
सतीशचंद्र मिश्र का कार्यालय बना ई-हाथी

बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र का आवास और कार्यालय डिजिटल ई-हाथी में तब्दील हो गया है। यहां आंबेडकरवादी विचारधारा से जुड़े तमाम यू-ट्यूबर आईटी सेल से जुड़े हैं, जो ई-रैलियों की तैयारी कर रहे हैं। हाथी के ई-डिजिटल पोस्टर जारी किये जा रहे हैं। जल्द ही मायावती के भाषण भी फेसबुक पेजों पर लोड किया जायेंगे। सतीश चंद्र मिश्र के बेटे कपिल मिश्र और मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने डिजिटल प्रचार की डोर संभाल रखी है।

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