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सऊदी अरब में मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में पाकिस्तानी जोड़े को फांसी नमूने 2016 में सामने आए थे गौरतलब है कि महज एक मिलीमीटर से थोड़े ज्यादा लंबे ये छोटे-छोटे नमूने 2016 में सामने आए थे, जब बर्लिन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हरमन स्टीव की एस्टेट में उनके उत्तराधिकारियों ने साफ-सफाई कराई थी। उन्होंने इन नमूनों को बर्लिन के चैरिटी हॉस्पिटल को सौंप दिया था। प्रोफेसर स्टीव ने ये नमूने जर्मनी के नाजी विरोधी लड़ाकों के शवों से लिए थे। शव इन लड़ाकों के बर्लिन की जेल में मरने के कुछ मिनट बाद पोस्टमार्टम के लिए प्रोफेसर स्टीव को सौंप दिए जाते थे।
अधिकतर महिला लड़ाकों के शरीरों की चीरफाड़ की स्टीव की 1952 में हृदयाघात के कारण मौत हो गई थी। वह अपने शोध के लिए अधिकतर महिला लड़ाकों के शरीरों की चीरफाड़ की थी। नमूने लेकर इनके शरीरों का अंतिम क्रिया कर्म कर देते थे। अंतिम क्रिया कर्म की यह क्रिया कई बार सामूहिक दफन के तौर पर भी की गई थी। ये नमूने एक काले बॉक्स में रखे गए थे, जिस पर इन पीड़िताओं के नाम लिखे थे।
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