भारत को अपने सकल घरेलू उत्पाद का सात से आठ फीसदी सालाना बुनियादी ढांचे पर खर्च करने की जरूरत है, जो 2030 तक 10 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।”
यह भी पढ़ेंः- आम्रपाली के होमबायर्स ने की महेंद्र सिंह धोनी से 42 करोड़ रुपए वसूलने की मांग, जानिए क्या है पूरा मामला यह 2015-16 के बाद पहली बार होगा, जब बजट शनिवार को पेश किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से शुक्रवार को पूछा गया कि क्या सरकार फरवरी के पहले दिन बजट पेश करने की परंपरा के साथ जाएगी, या इसमें कोई बदलाव हो सकता है, क्योंकि एक फरवरी को शनिवार है, जोकि एक गैर-कार्य दिवस है। इस पर जोशी ने कहा, “परंपरा जारी रहेगी।”
यह भी पढ़ेंः- दिल्ली में शुरू हुआ आर्थिक सर्वेक्षण, पहली बार मोबाइल एवं टैब पर लिया जाएगा डाटा फरवरी की शुरुआत में बजट पेश करने के पीछे का कारण 31 मार्च तक बजटीय प्रक्रिया को पूरा करना होता है, ताकि 12 महीने के लिए खर्च की कवायद एक अप्रैल से ही शुरू हो सके।