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ब्वायज हॉस्टल के कमरे में लड़की मिलने पर मचा हंगामा दरअसल, एक सरकारी विभाग में अधिकारी ने 23 जनवरी को इंदिरापुरम थाने में 10 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में केस दर्ज कराया था। उस दौरान उन्होंने अपनी तहरीर में बताया था कि 24 दिसंबर से उनकी ई-मेल आईडी हैक कर 10 करोड़ रुपए की रंगदारी के मैसेज भेजे जा रहे हैं। पहले तो उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जब एक दिन में तीन बार घर की बेल बजाई गई तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने बताया कि साइबर हैकर उनका पीछा कर रहा है। अधिकारी की तहरीर पर इस मामले में खुलासे के लिए साइबर सेल के साथ पुलिस की दो टीमों का गठन किया गया।
पुलिस को ऐसे हुआ परिवार के किसी सदस्य पर शक साइबर सेल के प्रभारी के मुताबिक, हाल ही में उनकी टीम सुबह से शाम तक अधिकारी के घर पर ही रुकी और दो मोबाइल और डेस्कटॉप कब्जे में लेकर ई-मेल आने का इंतजार किया। लेकिन, इस दौरान कोई ई-मेल नहीं आया। घर से जाते समय साइबर सेल जांच के लिए एक मोबाइल भी साथ ले गई। टीम कुछ दूर ही पहुंची थी कि पीड़ित अधिकारी का फोन आ गया। उसने कहा कि बदमाशों ने मैसेज भेजा है, जिसमें आपके द्वारा मोबाइल ले जाने की बात भी लिखी है। इस पर पुलिस का शक गहरा गया कि हो न हो यह घर के किसी सदस्य की मिलीभगत का नतीजा है।
ऐसे हैक किया पिता का मोबाइल इसके बाद पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों से एक-एक कर पूछताछ शुरू की। किसी को भी पीड़ित अधिकारी के 10 वर्षीय बेटे पर शक नहीं था। हालांकि पुलिस ने उससे भी पूछताछ की तो मामला खुलता चला गया। उसने पहले बताया कि किसी आदित्य नाम के लड़के ने उससे यह सब कराया है। फिर कहा कि उसके दोस्त यमराज के कहने पर किया है। पुलिस और परिजनों के समझाने पर बच्चे ने बताया कि यह सब उसने खुद ही किया है। इसके लिए उसने यू-ट्यूब पर मोबाइल हैक करने का वीडियो देखा था और फर्जी आईडी बनाकर पापा का मोबाइल हैक कर लिया।
बच्चे के खिलाफ नहीं होगी कोई कार्रवाई सीओ फर्स्ट ने बताया कि मामले का खुलासा होने पर बच्चे की काउंसलिंग की गई है। उन्होंने बताया कि बच्चे का कोई मकसद नहीं था। उसके मन में जाे आ रहा था, वह करता जा रहा था। बच्चे के पिता को उसका इलाज मानसिक रोग विशेषज्ञ से कराने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि बच्चे की उम्र 12 साल से कम है। इसलिए उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। वह पांचवीं क्लास का छात्र है। महीनेभर पहले साइबर क्राइम पर स्कूल में हुई ट्रेनिंग के दौरान उसने यह सब सीखा था। जबकि कार्यशाला का उद्देश्य साइबर क्राइम से बचाव करना था।