जानकारी के अनुसार, मुरादनगर के गांव हंसाली में रहने वाले राजकुमार के सबसे छोटे बेटे अमरीश त्यागी सेना में कार्यरत थे। करीब 16 साल पहले उत्तराखंड के जोशीमठ में ड्यूटी के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में 4 जवान लापता हो गए थे। इनमें से 3 जवानों के पार्थिव शरीर तो बरामद कर लिए गए थे, लेकिन अमरीश त्यागी का पता नहीं चल पाया था। तमाम प्रयास के बाद भी जब कोई जानकारी नहीं मिली तो आर्मी हेडक्वार्टर से उनका पूरा सामान उनके परिजनों को दे दिया गया। जिस वक्त वह लापता हुए थे उनकी शादी को महज एक साल ही हुआ था और रिकॉर्ड में उनको मृत दिखाकर उनकी पत्नी और परिजनों को मुआवजा भी दिया गया था।
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अरविंद से अकबर बनाने के लिए दिया था 10 लाख रुपये और मुस्लिम लड़की से निकाह कराने का झांसा पुत्र वियोग में चल बसे माता-पिता उधर, अमरीश के माता पिता हमेशा पुत्र वियोग में रहते थे। इसी के चलते पिता राजकुमार का 10 साल पहले माता विद्यावती का चार साल पहले निधन हो गया। अब गांव में अमरीश के सबसे बड़े भाई रामकिशोर और उनका बेटा दीपक रहते हैं। दीपक आयुध निर्माणी ने नौकरी करता है। अचानक अब 16 साल बाद शुक्रवार देर शाम दीपक के पास फोन आया कि तुम्हारे चाचा अमरीश का पार्थिव शरीर उत्तराखंड के हरसिल के पास बर्फ में दबा हुआ मिला है। दीपक ने तुरंत इसकी जानकारी परिजनों को दी और यह खबर आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई।
16 साल बाद भी पार्थिव शरीर पूरी तरह सुरक्षित दीपक का कहना है कि सेना के जवानों ने उन्हें बताया कि पहाड़ों पर बर्फ काटकर रास्ता बनाया जा रहा था। इसी दौरान अमरीश का शव बरामद हुआ है। उनकी पहचान उनकी नेम प्लेट बेल्ट से हुई है और सबसे बड़ी बात यह है कि पार्थिव शरीर पूरी तरह से सुरक्षित है। उम्मीद है कि मंगलवार या बुधवार तक अमरीश का पार्थिव सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव लाया जा सकता है। बहराल इस सूचना के बाद से उनके रिश्तेदार और परिवार के अलावा पूरे इलाके के लोगों के जख्म हरे हो गए हैं। एसडीएम आदित्य प्रजापति ने बताया कि अभी तक उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है और उनका पार्थिव शरीर आने पर पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया जाएगा।