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गाज़ियाबाद

‘थ्री इडियट’ फिल्म की तर्ज पर चलती ट्रेन में हुई डिलीवरी, किलकारी सुनते यात्रियों ने बांटी मिठाई

थ्री इडियट फिल्म की तर्ज पर चलती ट्रेन में एक गर्भवती महिला की डिलीवरी करने का मामला सामने आया है। फोन पर नर्स बताती रही और चलती ट्रेन में एक व्यक्ति और महिलाएं महिला की डिलीवरी करते गए। महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया तो पूरी ट्रेन के यात्रियों में खुशी की लहर दौड़ गई।

गाज़ियाबादMay 15, 2022 / 04:32 pm

lokesh verma

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जाको राखे साईंया मार सके न कोय… यह कहावत उस समय सही साबित हुए जब चंडीगढ़ से उन्नाव जाने वाली ट्रेन में सफर कर रही एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इस दौरान परिवार के लोगों ने रेलवे कर्मियों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। जब प्रसव के दौरान महिला दर्द से तड़पने लगी तो ट्रेन में सफर कर रही अन्य महिला यात्री और एक एम्बुलेंस चालक ने मदद करते हुए ट्रेन में ही चादर लेकर पर्दा किया। इस दौरान थ्री इडियट फिल्म की तर्ज पर एक नर्स फोन पर बताती रही और थोड़ी देर बाद बच्ची की किलकारी गूंजी तो अन्य यात्री भी खुश हो गए। सभी यात्रियों ने बच्ची और मां की कुशलता के लिए भगवान से कामना की और एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। बताया जा रहा है कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और परिवार के साथ उन्नाव पहुंच चुके हैं।
दरअसल, मूलरूप से उन्नाव के रहने वाले धर्मेंद्र का परिवार ट्रेन से चंडीगढ़ से उन्नाव जा रहा था। धर्मेंद्र की पत्नी गर्भवती थी। जैसे ही उनकी ट्रेन साहिबाबाद और गाजियाबाद के बीच पहुंची तो धर्मेंद्र की पत्नी को अचानक ही प्रसव पीड़ा होने लगी और वह दर्द से तड़पने लगी। आनन-फानन में ट्रेन में मौजूद रेलवे कर्मियों से मदद मांगी गई तो उन्होंने महज एंबुलेंस सेवा का नंबर दे दिया। धर्मेंद्र ने लगातार 139 नंबर पर कॉल की तो फोन नहीं मिला। इसके बाद भी ट्रेन में बैठे एक अन्य यात्री के सुझाव के बाद 108 और 102 एंबुलेंस सेवा पर कॉल करते हुए गाजियाबाद स्टेशन पर एंबुलेंस की मांग की गई। लेकिन, इसी बीच उसका दर्द बढ़ गया।
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फोन पर बताती रही नर्स और हो गई डिलीवरी

ट्रेन अभी भी साहिबाबाद और गाजियाबाद के बीच ही थी। इस बीच ट्रेन के अंदर ही सफर कर रहे एक एंबुलेंस के चालक और अन्य महिलाओं ने मदद की। धर्मेंद्र के पास एक नर्स का नंबर था, जिससे महिलाओं और एंबुलेंस चालक की बात कराई। इसके बाद ट्रेन की बोगी में चादर लेकर पर्दा किया गया। जैसे-जैसे नर्स बताती रही, वैसे वैसे ही महिलाएं और एंबुलेंस चालक करते रहे। कुछ देर बाद ही धर्मेंद्र की पत्नी रवीना ने एक बच्ची को जन्म दे दिया। यह वाक्या कुछ हिंदी फिल्म थ्री इडियट की तर्ज पर हुआ।
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यात्रियों ने एक-दूसरे को बांटी मिठाई

ट्रेन में दिल थामकर बैठे लोगों ने जैसे ही बच्ची की किलकारी सुनी तो उन्होंने भी बच्ची और उसकी मां के स्वस्थ होने की भगवान से कामना की। इसके साथ ही यात्रियों ने एक-दूसरे को मिठाई भी बांटी। बताया जा रहा है कि अब धर्मेंद्र अपने परिवार और नवजात बच्ची के साथ अपने घर उन्नाव पहुंच चुका है और दोनों ही पूरी तरह से स्वस्थ है। बहरहाल जिस तरह से धर्मेंद्र के परिवार पर यह वाक्य गुजरा वह भूलने के काबिल नहीं है।

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