( latest ghazibad news ) मुरादनगर गंग नहर से दिल्ली पानी सप्लाई किए जाने वाली गंग नहर का तीन करोड़ 60 लाख का सिल्ट उठाने का ठेका जल निगम से सतीश नाम के एक ठेकेदार को दिया है। आरोप है कि इस काम को शुरू करने से पहले जल निगम के अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह लगातार 25 लाख रुपए की रिश्वत मांग कर रहे थे। ठेकेदार ने इस पर असमर्थता जताई। धीरे-धीरे करीब तीन महीने का समय भी बीतता चला गया। एक बार फिर ठेकेदार ने काम शुरू करने की अनुमति मांगी। दोबारा से फिर पैसे की डील हुई तो वह 21 लाख रुपए में बात तय हुई। ठेकेदार ने उसके बाद भी 21 लाख रुपए ना होने की बात कही। उधर ठेकेदार पर लगातार काम ना शुरू करने का प्रेशर बनाया जाता रहा था जिसके बाद परेशान होकर ठेकेदार ने मेरठ विजिलेंस टीम से संपर्क किया और विजिलेंस टीम की रणनीति के तहत जल निगम के अधिशासी अभियंता को 13 लाख रुपए नगद रिश्वत दिए जाने की बात तय कर ली गई।
बाकी आठ लाख बाद में दिए जाने की बातें हो गई। इस तरह जब ठेकेदार 13 लाख रुपए की नगदी लेकर अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह के पास पहुंचे। तो उनके पीछे ही विजिलेंस की टीम पहुंच गई और भ्रष्ट अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए पीड़ित सतीश ठेकेदार ने बताया कि उनके नाम गंग नहर से सिल्ट उठाने का ठेका 3 करोड़ 60 के दो ठेके मिले था । यह काम पिछले तीन महीने पहले ही शुरू करना था लेकिन जल निगम के अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह ने काम शुरू करने से पहले 25 लाख की मांग की थी। इस पर उन्होंने असमर्थता जताई लेकिन बाद में 21 लाख रुपए पर बात तय हो गई। फिर भी उन्होंने कहा कि उनके पास इतने पैसे इस वक्त नहीं हैं। तो अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह ने कहा गया कि फिलहाल 13 लाख रुपए दे दीजिए और आठ लाख बाद में दे देना । ठेकेदार ने कहा कि वह अधिशासी अभियंता की इस मनमानी से बेहद परेशान हो चुका था । जिसके बाद उसने विजिलेंस टीम से संपर्क किया और आज भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार करा दिया।