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गाज़ियाबाद

डीजल, पेट्रोल और गैस के बढ़ते दाम से किसान नाराज, सरकार के खिलाफ चलाया ‘होर्न बजाओ’ अभियान

गाजीपुर बॉर्डर पर नवंबर माह से धरने पर बैठे हैं किसान। सरकार पर आम लोगों का शोषण करने का लगाया आरोप।

गाज़ियाबादJul 08, 2021 / 03:17 pm

Rahul Chauhan

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गाजियाबाद। यूपी गेट बॉर्डर (up border) पर कृषि कानून (krishi bill) की वापसी की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन (farmers protest) किया। किसानों का कहना है कि सरकार ने जिस तरह से पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम में बेतहाशा वृद्धि की है, उससे आम लोगों की कमर टूट चुकी है। रसोई का बजट बिगड़ चुका है। क्योंकि एक तरफ लोग कोरोना महामारी के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो वहीं अब पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के अलावा खाने-पीने के सामान में हुई महंगाई को भी झेलने को मजबूर है।
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दरअसल, गाजियाबाद के यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले काफी समय से धरने पर बैठे किसानों ने लगातार बढ़ते डीजल पेट्रोल और गैस के दामों के खिलफ 8 जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। जिसके चलते गुरुवार को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने हाथों में रसोई गैस सिलेंडर उठाकर विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शन कर रहे किसानों के नेताओं ने कहा कि भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाली बजाओ अभियान चलाकर कोरोना भगाने की बात कही थी। ठीक उसी तर्ज पर किसान भी आज लगातार बढ़ते डीजल पेट्रोल और गैस के सिलेंडर के दामों के खिलाफ होरन बजाओ अभियान चला रहे हैं। बड़ी संख्या में किसानों ने सड़क पर चक्कर लगाते हुए अपनी गाड़ी और ट्रैक्टर के होरन बजा कर विरोध दर्ज किया। तो वहीं कुछ किसानों ने गैस के सिलेंडर को सर पर रख कर और तख्ती हाथों में लेकर सरकार को जमकर कोसा है।
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प्रदर्शन करने वाले इन किसानों की मांग है कि जिस तरह से किसानों के ऊपर तीन काले कृषि कानून थोपे हैं। उन्हें वापस लिया जाना चाहिए और जिस तरह से एकाएक डीजल, पेट्रोल और गैस के दाम में वृद्धि की गई है ।उन्हें आधा किया जाना चाहिए। क्योंकि डीजल ,पेट्रोल और गैस सिलेंडर की वृद्धि होने से खाने-पीने के अन्य सामान में भी वृद्धि हो चुकी है।जिसके कारण आम लोगों की कमर टूट चुकी है।
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