गाज़ियाबाद

मछली का खाना बेचने वाली किशोरी का जब खुला राज तो सबकी आंखों में आ गए आंसू

करीब दस साल पहले गाजियाबाद से भागकर पहुंची थी ऋषिकेश
रामझूला पुल पर मछली का खाना बेचकर करती है गुजारा
माता-पिता पर लगाया दो बहनाें का मारने का आरोप

गाज़ियाबादMay 29, 2019 / 02:23 pm

sharad asthana

teenager

गाजियाबाद। उत्‍तराखंड के ऋषिकेश में मंगलवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। वहां रामझूला पुल पर मछली का खाना बचेने वाली एक किशोरी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसे जब अस्‍पताल में भर्ती कराया गया तो पता चला कि दस साल पहले वह गाजियाबाद से भागकर वहां पहुंची थी। इसके पीछे की वजह सुनकर अस्‍पताल में मौजूद लोगों की आंखों में आंसू आ गए।
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दर्द से तड़प रही थी किशोरी

जानकारी के अनुसार, ऋषिकेश में रामझूला पुल पर 15 साल की एक किशोरी मछली का खाना बेचा करती है। मंगलवार को उसे सीने में दर्द की शिकायत हुई। वह दर्द से वहां पर तड़पने लगी। वहां से गुजरने वाले लोग उसे देखते और आगे बढ़ जाते। इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता दीपक बेंजवाल वहां से गुजरे तो उन्‍होंने उसे तड़पते हुए देखा।
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साम‍ाजिक कार्यकर्ता ने पहुंचाया अस्‍पताल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दीपक बेंजवाल ने जब उससे परिजनाें के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वहां उसका कोई भी रिश्‍तेदार नहीं है। इसके बाद दीपक उसे राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश ले गए। वहां इलाज के बाद उसकी हालत में सुधार हुआ। फिर दोबारा पूछताछ करने पर किशोरी ने अपना नाम मनीषा ठाकुर बताया। उसकी बताई कहानी सुनकर वहां मौजूद लोगों के होश उड़ गए।
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पहचान छुपाकर रह रही थी यहां पर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किशोरी ने बताया कि वह 10 साल पहले गाजियाबाद से भागकर यहां आ गई थी। वह यहां पर अपनी पहचान छुपाकर रह रही थी। वह ऋषिकेश में मछली का खाना बेचकर अपना गुजारा चला रही है। उसने अपने परिजनों के बारे में यहां किसी को नहीं बताया है।
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गाजियाबाद में सब्‍जी का ठेला लगाता है पिता

किशोरी के अनुसार, उसके पिता गाजियाबाद में सब्‍जी का ठेला लगाते हैं। वह तीन बहनें और एक भाई थे। उसने आरोप लगाया कि उसके माता-पिता ने उसकी एक बहन को जलाकर मार दिया था। जबक‍ि उसकी दूसरी बहन को माता-पिता ने गला घाेंटकर मार डाला था। वे उससे भी मारपीट करते थे। दो बहनों की हत्‍या से वह काफी डर गई थी। इसके बाद वह घर छोड़कर ऋषिकेश आ गई थी। तब से वह यहां पर रह रही है।
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हालत में हुआ सुधार

इस बारे में राजकीय चिकित्सालय के चिकित्‍सक डॉ. एसके पंत का कहना है क‍ि किशोरी की हालत में सुधार है। उसकी कहानी की सच्‍चाई के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इस बारे में जांच की जानी चाहिए। उनका कहना है क‍ि प्रशासन या किसी सामाजिक संस्था को इस ओर ध्‍यान देना चाहिए।
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