scriptमां के शव के पास घायल मिली थी दो साल की मासूम, पुलिस ने दिया नया नाम लेकिन मां कहां से लाएंगे, ऐसी ही गुड़िया की कहानी | Two year old baby girl was found near mother dead body, sent to the Ch | Patrika News

मां के शव के पास घायल मिली थी दो साल की मासूम, पुलिस ने दिया नया नाम लेकिन मां कहां से लाएंगे, ऐसी ही गुड़िया की कहानी

locationबागपतPublished: May 29, 2019 01:23:15 pm

Submitted by:

Ashutosh Pathak

हर महिला में ढूंढती है अपनी मां
बच्ची को पुलिस ने भेजा बालगृह
गोद लेने वालों की लगी लाइन

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मां के शव के पास घायल मिली थी दो साल की मासूम, पुलिस ने दिया नया नाम लेकिन मां कहां से लाएंगे, ऐसी ही गुड़िया की कहानी

बागपत। वो मासूम सुख-दुख , गम-खुशी से अंजान बस अपनीं मां के चेहरे को ढूंढती रहती है। अगर राह चलते किसी महिला में उसे अपनी मां का अक्श नजर आता तो उसे रो-रोकर पुकारने लगती। अगर महिला को बच्ची पर दया आ गई तो पास आकर उसे कुछ देर के लिए गोद में उठाती। बस फिर क्या, मासूम गुड़िया खिलखिला उठती। उसकी इस हंसी में उसके बाहर निकलते छोटे-छोटे दांत दिखाई देने लगते और मां की गोदी की अनुभूती कर उसे सुकून मिलता। लेकिन अगले ही पल उसकी सुकून भरी आंखों से आंसू की धाराएं निकलने लगती। क्योंकि महिला जिसे वह अपनी मां मान बैठी है वह उन्ही अंजान गोद में उसे सौंप कर आगे बढ़ जाती है।
मां के शव के पास मिली थी घायल बच्ची

ये कहानी नहीं बल्कि हकीकत है, हकिकत है उस मासूम की जिसने अपनी मां को खो दिया, मां का शव इस तरह था की पहचान भी मुश्किल है, अब तक किसी भी जानने और पहचाने वाले का भी पता नहीं लग सका है। ऐसी स्थिति में बच्ची की अब बालगृह भेज दिया गया। दरअसल बड़ौत कोतवाली क्षेत्र के ढोढरा गांव के जंगल में 17 मई को एक महिला का शव पड़ा मिला था, जिसके पास एक दो साल की मासूम बच्ची भी घायल अवस्था में पड़ी मिली थी। पुलिस ने महिला के शव कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम कराया और उसकी शिनाख्त का प्रयास किया, लेकिल 11 दिन बीतने के बाद भी पुलिस को शिनाख्त कराने में कामयाबी नहीं मिल सकी। जिससे बच्ची के अन्य रिश्तेदार का कोई पता नहीं चल सका। वहीं मासूम अपनी मां के लिए जब-तब रोने लगती है, जिसे शांत कराना काफी मुश्किल हो जाता है।
गोद लेने वालों की लगी लाइन

वहीं मासूम बच्ची का अस्पताल में उपचार कराया गया, जिसे महिला कांस्टेबल रेखा नागर की देखरेख में रखवा दिया गया। वहीं पुलिस ने बताया कि इस बीच बच्ची को गोद लेने वालों की लाइन लगी हुई है, लेकिन कानून के मुताबिक उसे किसी को फिलहाल नहीं दिया जा सकता। इसी के चलते बड़ौत पुलिस बच्ची को लेकर मंगलवार को न्यायपीठ बाल कल्याण समिति में पेश हुई। जहां समिति के अध्यक्ष राजीव यादव, सदस्या मालती शर्मा, डा. कुलदीप त्यागी ने बच्ची को रामपुर के बालगृह ( Children’s Home ) भेजने का फैसला लिया।
दो महिने तक नहीं दे सकते गोद

बच्ची को रामपुर के राजकीय बालगृह में छोड़ने के लिए बड़ौत पुलिस की टीम मंगलवार को आदेश जारी होते ही रवाना हो गई। बताया कि कानून के मुताबिक अभी दो महीने तक बच्ची किसी के सुपुर्द नहीं की जा सकती, इसलिए उसे बालगृह भेजा गया है। दो माह बाद उसे किसी को गोद देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अभी बच्ची की शिनाख्त करने के प्रयास जारी है।
सीडब्ल्यूसी ने गुड़िया नाम रखा

मृतक महिला और बच्ची के परिवार और रिश्तेदारों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। जिसकी वजह से मासूम का नाम भी किसी को नहीं पता। इस बीच बच्ची को नया नाम भी दिया गया। सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष राजीव यादव ने बच्ची को गुड़िया नाम दिया। जिसके सभी कागजों में उसका गुड़िया ही लिखा गया।
महिला को नहीं जाने दिया-

मंगलवार को सीडब्ल्यूसी में पेश करने के बाद बड़ौत पुलिस की टीम बच्ची को लेकर खड़ी थी। इसी बीच वहां से गुजर रही महिला को देखते ही बच्ची रोने लगी और महिला की तरफ हाथकर उसे बुलाने लगी। जिसके बाद महिला ने बच्ची को गोद में लिया तो वह खुश होकर काफी देर तक खेलती रही। महिला ने पुलिसकर्मी को उसे देने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं गई। काफी देर तक बच्ची महिला के पास ही खेलती रही।
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