गाज़ियाबाद

डेंगू के कारण बकरी के दूध के दाम 1500 रुपये लीटर, जानें- क्या सचमुच इससे बढ़ती हैं प्लेटलेट्स

जिले के कई इलाकों में बकरी के दूध की कीमत 1500 रुपये लीटर तक पहुंच चुकी है। लोग इसको डेंगू बीमारी में प्लेटलेट्स बढाने के लिए प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन चिकित्सकों की राय इससे बिल्कुल उलट है। चिकित्सकों का कहना है कि बकरी का दूध पीने से प्लेटलेटस नहीं बढ़ती हैं। इसके लिए तो उचित खानपान और दवाई ही एकमात्र साधन है।

गाज़ियाबादOct 25, 2021 / 01:29 pm

lokesh verma

गाजियाबाद. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस समय डेंगू (Dengue) का कहर बरपा रहा है। मेरठ मंडल के गाजियाबाद जिले में तो हालात और भी खराब हैं। बच्चों या बड़ों को बुखार आने पर डॉक्टर की लिखी दवाओं के साथ बकरी का दूध और पपीते के पत्ते के रस का भी मरीज सेवन कर रहे हैं। खासतौर पर मरीज को बकरी का दूध (Goat Milk) पिलाया जा रहा है, जिसके चलते बकरी के दूध की इतनी डिमांड बढ़ गई है कि यहां उसका भाव 1500 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। लेकिन, क्या वाकई में बकरी के दूध के सेवन से प्लेटलेट्स बढ़ती हैं? इसका कोई वैज्ञानिक साक्ष्य हालांकि सामने नहीं है। वहीं, डॉक्टर्स का कहना है कि प्लेटलेट्स तो खुद ब खुद बुखार आने के सातवें दिन बाद बढ़ने लग जाती हैं।
डेंगू के मरीजों में बुखार आने के तीसरे दिन के बाद प्लेटलेट्स काउंट कम हो रहे हैं। चौथे से छठवें दिन के बीच में प्लेटलेट्स काउंट 20 से 50 हजार तक पहुंच रहे हैं। इससे लोग दहशत में आ रहे हैं। कुछ डॉक्टर पपीते के रस और पपीते के पत्ते की टैबलेट दे रहे हैं। इसके साथ ही लोग बकरी के दूध का सेवन कर रहे हैं। मगर, इससे प्लेटलेट्स काउंट नहीं बढ़ते हैं। डेंगू के मरीजों को तरल पदार्थ का सेवन करने के लिए कहा जाता है, ताकि खून गाढ़ा न हो। प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है।
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इन चीजों से प्लेटलेट्स बढ़ने के साक्ष्य नहीं

पैथोलाजी विभाग के डॉ. एचके सिंह ने बताया कि प्लेटलेट्स हर रोज बनती हैं। सात से 10 दिन (हाफ लाइफ) तक खून में रहती हैं। इसके बाद खत्म हो जाती हैं। डेंगू के मरीजों में तीसरे दिन से प्लेटलेट्स काउंट कम होते हैं और डेंगू की रिपोर्ट आइजीएम सातवें दिन के बाद निगेटिव होते जाती है। इसके साथ ही प्लेटलेट्स काउंट बढ़ने लगते हैं। बकरी के दूध, पपीते के रस, पत्ते की टैबलेट, कीवी सहित अन्य दवा से प्लेटलेट्स काउंट बढ़ने का कोई डाटा नहीं है।
बकरी के दूध से हो सकती है उल्टी

गाजियाबाद सीएमओ डाॅ. भवतोष शंखधर ने बताया कि डेंगू के मरीजों को बकरी का दूध दिया जा रहा है। इससे गेस्ट्राइटिस होती है। बकरी का दूध पीने के बाद उल्टी आ सकती है। डेंगू के मरीजों को बकरी का दूध नहीं देना चाहिए। प्लेटलेटस बढ़ाने के लिए उचित खानपान की जरूरत होती है।
बकरी पालकों ने उठाया मौके का लाभ

इस समय जिले के अधिकांश अस्पताल डेंगू के मरीजों से भरे हुए हैं। डेंगू के मरीजों को बकरी के दूध से प्लेटलेट्स बढ़ने की बात ने बकरी पालकों को मौका दे दिया। जिस दूध को कोई सालभर में कभी नहीं पूछता, उसको लेने के लिए लोग गांव तक दौड़ लगा रहे हैं। इसी मजबूरी का फायदा बकरी पालक उठा रहे हैं। जहां जिस तरह का मौका लग जाए, उस हिसाब से दूध का दाम वसूल रहे हैं। दो दिन पहले तक बकरी के दूध का भाव 1500 रुपये लीटर तक वसूला जा चुका है।
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