मिली जानकारी के अनुसार मनोज उर्फ मनोरंजन मूल रूप से गांव अछिन्दा थाना बाली कुंडा जिला जगतसिंहपुर उड़ीसा निवासी 2007 में इंदिरापुरम इलाके में रह रहता था। उसकी जान पहचान इंदिरापुरम इलाके में रहने वाली गीता नाम की एक युवती से हो गई जिसके बाद मनोज ने 2007 में गीता नाम की एक युवती से प्रेम विवाह किया था। कुछ दिन तक सब कुछ ठीक चलता रहा लेकिन 2010 में आपसी मतभेद होने के बाद अलग अलग रहने लगे गीता घरों में साफ-सफाई का काम करने लगी और अचानक कि 29 सितंबर 2012 को गीता जब अपने घर वापस लौट रही थी तो वसुंधरा सेक्टर 15 में मनोज ने गीता की गोली मारकर हत्या कर दी और वह फरार हो गया। इसके बाद गीता के भाई ने मनोज के खिलाफ थाना इंदिरापुरम में गीता की हत्या किए जाने की तहरीर दी। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी की तलाश शुरू कर दी लेकिन मनोज का कोई पता नहीं चल पाया। उसके बाद मनोज के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ। कुर्की भी हुई लेकिन इसकेब बाद भी आरोपी मनोज का कोई पता नहीं चल पाया और वह भेष बदलकर ओडिशा के एक मंदिर में पुजारी बनकर रहने लगा।
क्षेत्राधिकारी
अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई थी और उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया हुआ था। बहरहाल पुलिस को कुछ जानकारी मिली कि मनोज उड़ीसा के एक मंदिर में अपनी पहचान छुपाने के उद्देश्य से दाढ़ी बढ़ाकर पुजारी बना हुआ है। गाजियाबाद पुलिस ने
ओडिशा पुलिस से भी इसके बारे में जानकारी की तो पता चला कि जिस आरोपी की तलाश गाजियाबाद पुलिस को थी। वही
मनोज नाम का आरोपी इस मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा है। बहराल गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी मनोज को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना जुर्म भी स्वीकार किया और पुलिस ने आरोपी को सलाखों के पीछे भेज दिया है।