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CBSE Exam 2021: इस बार बोर्ड परीक्षा में पास होना बेहद आसान, स्टूडेंट्स को मिली दोहरी राहत दरअसल, सात वर्षीय अभिजीता की किताब का नाम ‘हैप्पीनेस ऑल अराउंड’ है। अभिजिता की यह किताब छोटी-छोटी कविता और कहानी का संग्रह है। वहीं, सबसे बड़ी बात यह है कि अभिजिता ने इसे केवल तीन माह में लिखा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अपने लेखन के जुनून को लेकर अभिजिता का कहना है कि मुझे आसपास की चीजों के साथ हर छोटी-छोटी बात लिखने की प्रेरणा देती हैं। मैं हमेशा उन साकारात्मक चीजों को लिखती हूं, जिन्हें मैं देखती हूं।
बता दें कि अभिजिता को यह कला विरासत में मिली है। प्रसिद्ध कवि स्व. मैथिलीशरण गुप्त अभिजिता के परदादा थे। अभिजिता के पिता चार्टर्ड अकाउंटेंट तो मां इजीनियर हैं। फिलहाल वह दूसरी कक्षा की छात्रा है और गाजियाबाद में ही रहती है। माता-पिता का कहना है कि अभिजिता ने महज पांच वर्ष की उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था। ‘हैप्पीनेस ऑल अराउंड’ को अभिजिता ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान ही लिखा है।
अभिजिता की किताब ‘हैप्पीनेस ऑल अराउंड’ का प्रकाशन इंविसिवल पब्लिशर ने किया है। इस किताब के किंडल एडिशन और हार्ड कॉपी दोनों मौजूद हैं। अभिजिता की यह किताब उन चुनिंदा किताबों में से है, जिसे किसी बच्चे ने लिखा है। बताया जा रहा है कि जल्द ही अभिजीता की एक और किताब आने वाली है, जिसमें कोरोना महामारी और उसके बच्चों पर पड़ने वाले प्रभावों की जानकारी होगी।