scriptदुनिया की सबसे छोटी राइटर बन राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की परपोती ने रचा इतिहास | Maithili Sharan Gupt's great-granddaughter the world's youngest writer | Patrika News
गाज़ियाबाद

दुनिया की सबसे छोटी राइटर बन राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की परपोती ने रचा इतिहास

Highlights
– गाजियाबाद की रहने वाली सात व्र्षीय अभिजिता महज सात में बनी लेखिका
– इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने अभिजिता को दी दुनिया की सबसे छोटी उम्र की लेखिका के रूप में मान्यता
– एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने भी ग्रैंडमास्टर इन राइटिंग के खिताब से नवाजा

गाज़ियाबादNov 16, 2020 / 10:01 am

lokesh verma

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गाजियाबाद. कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। अगर किसी में आगे बढ़ने की ललक और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो वह अपनी अलग पहचान बना ही लेता है। कुछ ऐसा ही कमाल किया गाजियाबाद की रहने वाली सात वर्षीय बच्ची अभिजिता ने। अभिजिता ने छोटी से उम्र के बावजूद महज तीन महीने में एक किताब लिख डाली है, जिसे लिखने में बड़ों को भी सालों लग जाते हैं। इस बच्ची के टैलेंट को देखकर अब हर कोई उसे सराह रहा है। अभिजिता को इस किताब के साथ इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने दुनिया की सबसे छोटी उम्र की लेखिका के रूप में मान्यता दे दी है। इसके साथ ही एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने भी अभिजिता को ग्रैंडमास्टर इन राइटिंग के खिताब से नवाजा है।
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दरअसल, सात वर्षीय अभिजीता की किताब का नाम ‘हैप्पीनेस ऑल अराउंड’ है। अभिजिता की यह किताब छोटी-छोटी कविता और कहानी का संग्रह है। वहीं, सबसे बड़ी बात यह है कि अभिजिता ने इसे केवल तीन माह में लिखा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अपने लेखन के जुनून को लेकर अभिजिता का कहना है कि मुझे आसपास की चीजों के साथ हर छोटी-छोटी बात लिखने की प्रेरणा देती हैं। मैं हमेशा उन साकारात्मक चीजों को लिखती हूं, जिन्हें मैं देखती हूं।
बता दें कि अभिजिता को यह कला विरासत में मिली है। प्रसिद्ध कवि स्व. मैथिलीशरण गुप्त अभिजिता के परदादा थे। अभिजिता के पिता चार्टर्ड अकाउंटेंट तो मां इजीनियर हैं। फिलहाल वह दूसरी कक्षा की छात्रा है और गाजियाबाद में ही रहती है। माता-पिता का कहना है कि अभिजिता ने महज पांच वर्ष की उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था। ‘हैप्पीनेस ऑल अराउंड’ को अभिजिता ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान ही लिखा है।
अभिजिता की किताब ‘हैप्पीनेस ऑल अराउंड’ का प्रकाशन इंविसिवल पब्लिशर ने किया है। इस किताब के किंडल एडिशन और हार्ड कॉपी दोनों मौजूद हैं। अभिजिता की यह किताब उन चुनिंदा किताबों में से है, जिसे किसी बच्चे ने लिखा है। बताया जा रहा है कि जल्द ही अभिजीता की एक और किताब आने वाली है, जिसमें कोरोना महामारी और उसके बच्चों पर पड़ने वाले प्रभावों की जानकारी होगी।

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