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विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को ऊर्जा मंत्री ने दी सख्त हिदायत, बोले- उपभोक्ता देवो भव: बता दें कि मुरादनगर के उखलारसी बम्बा मार्ग स्थित श्मशान घाट में 3 जनवरी को संगम विहार निवासी जयराम की अंत्येष्टि के बाद मौन धारण कर रहे लोगों पर गैलरी की छत गिर गई थी। इस दर्दनाक हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। इस संबंध में जयराम के पुत्र दीपक ने मुरादनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने दीपक की तहरीर के आधार पर अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान, पूर्व जेई चंद्रपाल सिंह, ठेकेदार अजय त्यागी, संजय गर्ग व निजी सुपरवाईजर आशीष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उधर, इस मामले की गूंज लखनऊ तक जा पहुंची और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लेते हुए कड़ा रुख अख्तियार करते हुए हादसे की एसआईटी से जांच कराने की घोषणा दो दिन पूर्व की थी।
सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद गुरुवार को मुरादनगर थाने से हादसे की जांच एसआईटी को ट्रांसफर कर दी गई थी। इसके लिए आईपीएस देव रंजन वर्मा के नेतृत्व में बनाई गई पांच सदस्दीय टीम में सीओ अजय सिंह के अलावा इस्पेक्टर अशोक कुमार यादव, विनोद कुमार व एके शुक्ला शामिल हैं। शुक्रवार दोपहर 2:35 बजे एसआईटी टीम सबसे पहले श्मशान घाट पहुंची और वहां पर मात्र दस मिनट तक रुकी। इसके बाद वह रिपोर्ट दर्ज कराने वाले दीपक कुमार घर के पहुंची और बंद कमरे में उससे बात की। वहां से टीम घायल उधम सिंह से मिली और काफी देर तक पूछताछ की। करीब 4 बजे के आसपास एसआईटी टीम फिर से बम्बा मार्ग स्थित श्मशान घाट परिसर पहुंच गई। टीम ने सबसे पहले मलबे के पास गई और वहां से कुछ जरुरी साक्ष्य एकत्र किए।
इसके अलावा टीम में शामिल अधिकारियों ने घटना के समय मौके पर मौजूद चश्मदीद खेमचंद्र, दीपक, रविन्द्र और दिनेश से बातचीत की। इसके साथ ही श्मशान घाट परिसर में अंतिम क्रिया कराने वाले पुजारी नरेश कुमार से भी पूछताछ की। दो घंटे से अधिक समय तक टीम के सदस्य मुरादनगर में रहे और कई बिंदुओं पर जांच-पड़ताल करते रहे।