वीर अब्दुल हमीद सेतू के पिलर नंबर छह और सात के बीच के ज्वाइंट में छह से सात इंच की चौड़ी दरार आने के बाद एक तरफ का हिस्सा हल्का सा नीचे हो गया है, जिसे कहा जा रहा है कि वह धंस रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लगातार ओवरलोडिंग के चलते यह नौबत आयी है। प्रशासन ने ओवरलोडिंग का ध्यान नहीं दिया और इस पुल से बेतहाशा हैवी लोड ट्रक गुजरते हैं, जिसके चलते कम क्षमता के बने इस पुल में दरार आयी है। एसडीएम का कहना है कि सोमवार की सुबह पुल में दरार आयी है, जिसके बाद उस पर गाड़ियों का आना-जाना रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही NHAI की टेक्निकल टीम आकर जांच कर रिपोर्ट देगी कि ऐसा क्यों हुआ। बिहार से आकर इस पुल से गुजरने वाली गाड़ियों के लिये सभी थानों को सूचित कर दिया गया है कि उन्हें चंदौली से ही डायवर्ट कर दिया जाए।
गाजीपुर का वीर अब्दुल हमीद सेतु 1975 में ताड़ीघाट से गाजीपुर के बीच गंगा पर बना था। इसके बनने के बाद यह गाजीपुर और पड़ोसी जिलों के लिये लाइफ-लाइन बन गया। बिहार से आने वाली गाड़ियां इस पुल से होकर सीधे आजमगढ़, गोरखपुर समेत पूर्वांचल के जिलों में चली जाती हैं। बक्सर से बलिया के बीच गंगा पर बना पुल टूटने के बाद इस पुल पर लोड और ज्यादा बढ़ गया है। फिलहाल हैवी लोड ट्रकों का आवागमन इस पुल पर कई गुना बढ गया है। हैवी लोड के चलते ही इसी रूट का गाजीपुर की बेसो नदी पर बना पुल भी टूट गया, जिसे अब तक नहीं बनवाया गया। उसकी जगह पर नदी की धारा में ही गोल पाइप पर अस्थायी रास्ता बना दिया गया है।
By Alok Tripathi