अपनी दुर्दशा का वीडियो बना कर भेजा था संदेश
मजदूर बताते हैं कि इन्हें दो वक्त का खाना भी नहीं दिया जाता था। आखिरकार थक-हारकर इन्होंने अपने हालात का वीडियो बनाया और तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ( Sushma swaraj ) से वतन वापसी की गुहार लगाई। सुषमा स्वराज को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, उन्होंने सऊदी स्थित भारतीय दूतावास ( Saudi Arab Embassy ) के माध्यम से वहां की सरकार पर दवाब बनाया। तब कहीं जाकर इन इन भारतीयों को रिहाई मिल पाई और चरणबद्ध तरीके से इनकी घर वापसी संभव हो पाई। साउदी अरब से वे सकुशल वापस लौटे।
जब रो पड़ा गिरिडीह और कोडरमा
जब गिरिडीह और कोडरमा के मजदूरों और उनके परिजनों को यह सूचना मिली कि मंगलवार देर रात सुषमा स्वराज का निधन ( sushma swaraj Died ) हो गया, तो वे और पूरा इलाका शोक में डूब गए। जिन मजदूरों को सुषमा स्वराज के प्रयास से विदेश से छुड़वाया गया था, उन मजदूरों और उनके परिवारों के लिए सुषमा स्वराज भगवान के समान हो गईं। इन श्रमिकों और उनके परिजनों का कहना है कि मैडम ( Sushma Swaraj Helped ) उनके लिए भगवान समान थीं। उनके ही प्रयासों का नतीजा था कि वे अपने घर वापस आ पाए। इन मजदूरों में कई तो सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुन कर रो ही पड़े।