शहर के टाउन हॉल में आयोजित कृषि मेले में किसानों को संबोधित करते हुए उप कृषि निदेशक प्रेम कुमार ठाकुर ने गोंडा जिले में की जा रही जैविक खेती की जानकारी दी। उन्होंने कलस्टर योजना के बारे में बताया कि चयनित कृषकों को विभाग द्वारा अनुदान दिया जा रहा है। जिले में जैविक खेती की पर्याप्त संभावनाएं हैं। जिला कृषि अधिकारी जगदीश प्रसाद यादव ने जनपद में संचालित कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी दी। डॉ. रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर ने जैविक खेती में जैव उर्वरकों का प्रयोग एवं महत्व, हरी खाद की खेती, ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई, डॉक्टर अंकित तिवारी ने प्राकृतिक खेती के अंतर्गत बीजामृत, जीवामृत घन जीवामृत, दशपर्णी अर्क, ब्रह्मास्त्र, नीमास्त्र आदि के उत्पादन एवं प्रयोग की जानकारी दी।
पूर्वांचल इको सिल्क से जुड़कर किस उठाएं फायदा आरएन मल्ल उपनिदेशक रेशम ने रेशम विभाग की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जैविक खेती द्वारा रेशम का उत्पादन आसान है। किसान भाई पूर्वांचल इको सिल्क से जुड़कर लाभ उठा सकते हैं। डॉ० आर सी चौधरी अध्यक्ष पीआरडीएफ ने बताया कि 11 जिलों में काला नमक धान की खेती की जा रही है। काला नमक की जैविक खेती कर किसान भाई अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। रविशंकर सिंह संचालक कृषक उत्पादक संगठन ने मोटे अनाजों की खेती को जैविक खेती के लिए उपयुक्त बताया। उन्होंने कहां कि किसान भाई कृषक उत्पादक संगठनों से जुड़कर अच्छा लाभ उठा सकते हैं। अनिल चंद पांडेय प्रगतिशील कृषक ने देशी गाय की उपयोगिता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्याज की खेती में जीवामृत का प्रयोग करने से अच्छा उत्पादन प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी कार्यक्रम में पारसराम भूमि संरक्षण अधिकारी, डा.टीजे पांडेय मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, शिवशंकर चौधरी उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, अनुज कुमार वर्मा प्रभारी बीज भंडार, सुमित तिवारी उपस्थित रहे। पशुपालन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, भूमि संरक्षण विभाग पार्टिसिपेटरी रूरल डेवलपमेंट फाऊंडेशन, वीआर समग्र जलवायु फल एवं औषधि शोध संस्थान के शिवकुमार मौर्य आदि ने कृषि प्रदर्शनी में प्रदर्शनी लगाकर किसानों को तकनीकी जानकारी प्रदान की। मंच का संचालन आरपीएन सिंह विषय वस्तु विशेषज्ञ ने किया।