05040 गोरखपुर-नरकटियागंज पैसेंजर ट्रेन और गोरखपुर से चलने वाली दादर एक्सप्रेस को चलाने का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। एक जुलाई को नई समय सारिणी लागू होने के साथ बढ़नी से ट्रेनों के परिचालन की अधिसूचना जारी हो जाएगी। ट्रेनों के परिचालन के लिए गोरखपुर की तरह बढ़नी में भी वाशिंग पिट (कोचिंग डिपो) बनकर तैयार हो गई है।
डिपो में ट्रेनों की मरम्मत और सफाई-धुलाई हो सकेगी। डिपो में पिछले सप्ताह 23 न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन (एनएमजी) वाली मालगाड़ी की मरम्मत आदि कर परीक्षण किया गया। परीक्षण की सफलता के बाद रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों का संचालन आरंभ करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
बढ़नी से चलने वाली ट्रेनों को नई समय सारिणी में शामिल करने की भी तैयारी शुरू हो चुकी है। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने गोंडा के रास्ते बढ़नी से उज्जैन तथा गोरखपुर के रास्ते बढ़नी से पटना तक नई ट्रेन के संचालन का प्रस्ताव तैयार किया है। दरअसल, गोरखपुर रूट पर प्रतिदिन लगभग 160 ट्रेनें चलती हैं। 50 मालगाड़ियां भी गुजरती हैं।
गोरखपुर जंक्शन पर दस प्लेटफार्म होने के बाद भी यात्री ट्रेनों के लिए प्लेटफार्म नहीं मिल पाता। स्पेशल ट्रेनों के चलते गोरखपुर का लोड और बढ़ता ही जा रहा है। ट्रेनें गोरखपुर के पास पहुंचकर भी समय से प्लेटफार्म पर नहीं लग पा रहीं। कैंट, कुसम्ही, नकहा जंगल और डोमिनगढ आदि आसपास वाले स्टेशनों और आउटर सिग्नल पर खड़ी हो जा रही हैं।
यात्रियों की मुश्किलें कम होने की बजाय और बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसे में बढ़नी से ट्रेनों के परिचालन से गोरखपुर जंक्शन का लोड कम होगा। ट्रेनें निर्बाध गोरखपुर जंक्शन के निर्धारित प्लेटफार्म पर लग जाएंगी। लोगों की रेल यात्रा सुगम होगी।
पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल का महत्वपूर्ण स्टेशन बढ़नी भी अमृत भारत स्टेशन के रूप में विकसित होगा। स्टेशन के पुनर्विकास के लिए 15.05 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। स्टेशन के पुनर्विकास के साथ यात्री सुविधाओं का भी विकास होगा। निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
स्टेशन पर स्थानीय कला और संस्कृति के साथ क्षेत्रीयता का भी अहसास होगा। यात्रियों को उच्चस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 फरवरी 2024 को बढ़नी स्टेशन के पुनर्विकास का वर्चुअल शिलान्यास किया था।