पार्टी सूत्र बताते हैं कि संगठन की मजबूती के लिए सदस्यता अभियान और बूथ लेवल पर कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए बीजेपी ने यह हिदायत दी है कि अधिक से अधिक ओबीसी व एससी/एसटी को सदस्य बनाया जाए और बूथस्तर पर जोड़ा जाए। सवर्णाें की पार्टी मानी जाने वाली बीजेपी के थिंकटैंक ने अपने बूथ स्तर पर सदस्यता के लिए सवर्णाें की ओर अधिक ध्यान न देने का संदेश दिया है।
राजनीति के जानकार बीजेपी की इस बदली हुई रणनीति पर कहते हैं कि बीजेपी जानती है कि सवर्ण मतदाता बहुत ज्यादा दिन तक उससे नाराज नहीं रहेगा। दूसरी ओर दलित वोट बैंक को खिसकाकर ही विपक्ष को मात दिया जा सकता है। जानकारों की मानें तो यूपी समेत एक-दो प्रदेशों को छोड़ दें तो दलित वोट का सबसे अधिक शेयर कांग्रेस के पास है। बीजेपी इस वोटबैंक को एससी/एसटी एक्ट से खिसका रही है। इस एक्ट में संशोधन कर दलित वोटरों में यह संदेश देने की कोशिश हो रही है कि विरोध के बाद भी वह एक वर्ग के साथ शिद्दत से खड़ी है जिससे एक भरोसा पनपे। बीजेपी की रणनीति को समझने वाले कहते हैं कि सामान्य वर्ग विरोध के बाद भी ज्यादा दिन तक बीजेपी से नाराज नहीं हो सकेगा। इस नाराजगी और साथ आने के बीच जो वक्त है उसमें बीजेपी एक एससी/एसटी वर्ग के एक बड़े वोट बैंक को लुभाकर अपने साथ कर सकेगी तो बहुत अधिक फायदा होगा।
राजनीति के जानकार बीजेपी की इस बदली हुई रणनीति पर कहते हैं कि बीजेपी जानती है कि सवर्ण मतदाता बहुत ज्यादा दिन तक उससे नाराज नहीं रहेगा। दूसरी ओर दलित वोट बैंक को खिसकाकर ही विपक्ष को मात दिया जा सकता है। जानकारों की मानें तो यूपी समेत एक-दो प्रदेशों को छोड़ दें तो दलित वोट का सबसे अधिक शेयर कांग्रेस के पास है। बीजेपी इस वोटबैंक को एससी/एसटी एक्ट से खिसका रही है। इस एक्ट में संशोधन कर दलित वोटरों में यह संदेश देने की कोशिश हो रही है कि विरोध के बाद भी वह एक वर्ग के साथ शिद्दत से खड़ी है जिससे एक भरोसा पनपे। बीजेपी की रणनीति को समझने वाले कहते हैं कि सामान्य वर्ग विरोध के बाद भी ज्यादा दिन तक बीजेपी से नाराज नहीं हो सकेगा। इस नाराजगी और साथ आने के बीच जो वक्त है उसमें बीजेपी एक एससी/एसटी वर्ग के एक बड़े वोट बैंक को लुभाकर अपने साथ कर सकेगी तो बहुत अधिक फायदा होगा।
यूपी में ओबीसी और एससी/एसटी जातियों का सम्मेलन
बीजेपी उत्तर प्रदेश में जातिय सम्मेलन करनी शुरू कर दी है। ओबीसी की सभी जातियों का अलग-अलग सम्मेलन कराया जा रहा है। हर जाति के लोगों को बुलाकर उनसे पार्टी नेतृत्व आत्मीयता जता रही, खास होने का भरोसा दिला रही। संबंधित जाति के बड़े नेताओं को अपने पाले में करने के लिए तवज्जो दिया जा रहा है। यही काम एससी/एसटी जातियों के सम्मेलन में किया जा रहा है।
बीजेपी उत्तर प्रदेश में जातिय सम्मेलन करनी शुरू कर दी है। ओबीसी की सभी जातियों का अलग-अलग सम्मेलन कराया जा रहा है। हर जाति के लोगों को बुलाकर उनसे पार्टी नेतृत्व आत्मीयता जता रही, खास होने का भरोसा दिला रही। संबंधित जाति के बड़े नेताओं को अपने पाले में करने के लिए तवज्जो दिया जा रहा है। यही काम एससी/एसटी जातियों के सम्मेलन में किया जा रहा है।