कार्यक्रम की शुरुआत में कुलपति प्रो. पूनम टंडन और विशिष्ट पुरातन छात्रों ने जल संचयन कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इसके बाद ललित कला एवं संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने राष्ट्रगीत और कुलगीत की प्रस्तुति दी।
स्वागत उद्वोधन में कुलपति ने कहा कि आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में स्थापित यह प्रथम विश्वविद्यालय आज अपने अमृत काल में प्रवेश कर रहा है। कहा, यह विश्वविद्यालय देश के उन शीर्ष विश्वविद्यालयों में शामिल है जिसने नैक मूल्यांकन में ए डबल प्लस ग्रेड अर्जित करने के साथ-साथ दुनिया भर की नैक रैंकिंग में अपना स्थान बनाया है।
विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार की पीएम-ऊषा योजना के तहत शोध एवं नवाचार के लिए चयनित करते हुए 100 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। यूजीसी ने विश्वविद्यालय को ग्रेड 1 यूनिवर्सिटी के रूप में चिह्नित किया है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने देश ही नहीं दुनिया के अनेक महत्वपूर्ण शिक्षा संस्थानों के साथ एमओयू साइन किए हैं। खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों को समान रूप से प्रोत्साहित करते हुए हमने उत्कृष्ट शोध की ओर भी कदम बढ़ाया है।
बीते एक माह में विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने सात पेटेंट रजिस्टर कराए हैं। 15 पेटेंट स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं। हमारा लक्ष्य इस वर्ष 50 नए पेटेंट रजिस्टर कराने का है। स्थापना दिवस के अवसर पर कुलाधिपति वाटिका में कुलपति ने ”कल्पवृक्ष” का पौध लगाया। संचालन डॉ. तूलिका मिश्रा ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी ने दिया।
समारोह में कुलाधिपति ने विद्यार्थी अपने अंकपत्रों, उपाधियों को प्राप्त करने के लिए परेशान न हों और इन्हें परीक्षा से लेकर उपाधि तक घर बैठे प्राप्त हो सके, इसके लिए पोर्टल ”सर्व” का लोकार्पण किया। इसके माध्यम से विद्यार्थी ऑनलाइन अपने अनिवार्य सर्टिफिकेट और डिग्री प्राप्त कर सकेंगे।
इसके अलावा सैंमसंग इनोवेशन कैंपस प्रोग्राम स्वदेश का भी शुभारंभ किया। यह प्रोग्राम युवाओं को उनके रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और कोडिंग एवं प्रोग्रामिंग जैसी प्रौद्योगिकियों में व्यावहारिक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
समारोह में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विशिष्ट पुरातन छात्रों को भी सम्मानित किया गया। इसमें पद्म श्री प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, चंद्रप्रकाश अग्रवाल, अतुल सराफ, डॉ. एलके पांडेय, निर्मला एस चंद्रा, पूर्व आईपीएस जितेंद्र प्रताप सिंह और भारतीय रेल सेवा के डॉ. स्वामी प्रकाश पांडेय शामिल रहे।
कुलपति प्रो. पूनम ने सुबह नौ बजे पंत भवन में स्थापित ”स्थापना शिलापट्ट” के सामने विधि विधान से पूजन-अर्चन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी सदस्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर गोरखपुर विश्वविद्यालय के संस्थापना समिति के कार्यकारिणी एवं विश्वविद्यालय कोर्ट के सदस्य स्व. महादेव प्रसाद रईस की स्मृति में उनके पौत्र रसायन विभाग के पूर्व प्रो. शिव सरन दास द्वारा रसायन विज्ञान विभाग में लगवाए गए वाटर प्युरीफायर सहित वाटर कूलर का उद्घाटन किया गया।