गोरखपुर से सटे लोहसंडी बंधे के पास एक एंबुलेंस में कुछलोग कुत्ता घुमाने पहुंचे थे। नेशनल एंबुलेंस सर्विस नाम की एक एंबुलेंस में कुछ लोग कुत्ता लेकर बाढ़ का नजारा लेने पहुंचे थे। पर जैसे ही उनका सामना सवालों और कैमरे से हुआ तो वह भाग खड़े हुए। सवालों के जवाब देने के बजाय वो लोग वहां से निकल गए।
मंगलवार को एक एंबुलेंस में कुछ लोग कुत्ता लेकर पहुंचे थे। साफ था कि वह बाढ़ का नजारा लेने आए थे। मीडिया ने जब उनसे सवाल किया तो उसमें बैठे लोग असहज हो गए। एंबुलेंस में बैठे व्यक्ति ने सवाल करने पर पहले तो यह बताया कि साहब का कुत्ता है। पर जब उसने कैमरा देखा तो नाम तक नहीं बताया। थोड़ी देर में ड्राइवर आया तो उसने बताया कि वह लोग बाढ़ देखने आए हैं। एंबुलेंस में कुत्ता घुमाने पर सवाल किया गया तो उसने कहा कि एक मरीज को पहुंचाकर आए हैं। इस बीच वह हड़बड़ी में एंबुलेंस लेकर वहां से निकल गए।
एंबुलेंस पर लिखे नंबर पर कॉल करने से पता चला कि वह सरकारी नहीं बल्कि एनजीओ द्वारा संचालित एंबुलेंस थी। पर यहां सवाल ये है कि क्या एंबुलेस पिकनिक मनाने या कुत्ता घुमाने के लिये होती है। इसके अलावा ऐसे समय में जबकि बाढ़ पीड़ितों को छोटी सी मदद भी संजीवनी जैसी साबित हो सकती है ऐसे वक्त यह बड़ी लापरवाही और मनमानी के अलावा कुछ और नहीं कही जा सकती।
by DHIRENDRA GOPAL