मिली जानकारी के अनुसार यशवंतपुर से गोरखपुर आने वाली 22534 गोरखपुर यशवंतपुर एक्सप्रेस के एसी थ्री के बी-1, बी-2,बी-3,बी-5 और बी-9 कोच में करीब 50 यात्रियों ने नागपुर में ऑनलाइन खाना मंगाया था। इसमें अधिकतर ने अंडा बिरयानी ऑर्डर किया था। बिरयानी खाने के रात में ही उन्हें पेट दर्द की शिकायत हुई। जैसे-तैसे रात तो बीत गई लेकिन सुबह ट्रेन जैसे ही झांसी पहुंची यात्रियों की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। यात्रियों की स्थिति बिगड़ते देख कंडक्टर ने कंट्रोल रूम को मैसेज किया। इसके बाद कानपुर में चिकित्सकों की टीम पहुंची और 48 डॉक्टरों की टीम ने 48 यात्रियों का चेकअप किया। फिर जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई गईं। यहां से इलाज के बाद लखनऊ में भी चिकित्सकों की टीम बोगियों में गई और एक-एक यात्री को चेक किया। यहां यात्रियों की स्थिति में काफी सुधार दिखा।
ट्रेन में पैंट्रीकार न होने से एसी कोच बी-1 से बी-8 कोच तक के 50 यात्रियों ने बल्लारशाह स्टेशन पर डिनर में अंडा करी, अंडा बिरयानी और करी-चावल का पैकेट बुक कराया था। गुरुवार रात ट्रेन जैसे ही नागपुर पहुंची तो सभी को सीटों पर पैक भोजन मिल गया। सफर करने वाले यात्री मिहिर ने बताया कि भोजन करने के आधे घंटे के बाद ही एक-एक करके यात्रियों को उल्टी-दस्त शुरू हो गई।
ट्रेन के गोरखपुर पहुंचने पर हुई यात्रियों की जांच ट्रेन शनिवार की रात करीब आठ बजे गोरखपुर जंक्शन पहुंची। यहां पहुंचते ही आरपीएफ की टीम के साथ मेडिकल टीम भी पहुंची। मेडिकल टीम ने सभी बीमार पड़े यात्रियों की जांच की और उन्हें जरूरत के हिसाब से दवाइयां भी दीं। आरपीएफ प्रभारी दशरथ प्रसाद ने बताया कि सभी यात्री पूरी तरह से ठीक हैं।
वरिष्ठ मंडल संरक्षा आयुक्त वरिष्ठ मण्डल संरक्षा आयुक्त चंद्रमोहन ने बताया की सूचना मिलने पर चिकित्सकों के साथ मौके पर आरपीएफ की भी टीम गई। टीम ने 50 यात्रियों को दवा देने के साथ ही ओआरएस का पैकेट भी दिया। कोच में यात्रियों से पूछताछ के बाद यात्रियों का सामान सुरक्षित मिला।