गुलरिहा क्षेत्र के असरफपुर की रहने वाली 70 वर्षीय मेवाती की दो लड़कियां व एक लड़का रामजी है। पति लालमन की मौत के बाद मेवाती के नाम सारी संपत्ति हो गई। मेवाती का बेटा रामजी से आये दिन झगड़ा होता रहता था। बेटे के झगड़ने की वजह से बुजुर्ग मेवाती कहती थी कि वह अपनी संपत्ति अपने तीनों संतानों के नाम कर देगी। रामजी और उसके परिवार को इसको लेकर काफी बेचैनी रहती थी। बताया जा रहा कि जमीन की लालच में कुछ रोज पहले रामजी और इसके परिवार के लोग मिलकर बुजुर्ग मेवाती को मार डाला। इसके बाद लाश को ठीकाने लगाने के लिए उसे बोरे में डाल जंगल में फेंक दिया।
मेवाती की की हत्या की बात उस वक्त खुली जब उनकी बेटियां छठ पर मायके आई। उन लोगों ने अपनी मां को खोजना शुरू किया तो शक हुआ। गांव के ही एक दो लोगों से पूछताछ की। पहले तो रामजी ने मां के गायब होने की बात कही। कई दिनों बाद गांववालों ने पता लगाया कि उसने अपनी मां की हत्या कर लाश को ठीकाने लगा दिया है। पुलिस सूचना पर पहुंची। फिर हिरासत में रामजी को लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने गुनाह कबूल किया। रामजी ने बताया कि मां की हत्या के बाद लाश को पास के बनगाई जंगल में एक बोर में भर कर फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपी रामजी व उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया है।
by Dheerendra V Gopal