फिर सख्त हुआ शासन
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सूबे में फर्जी शिक्षकों की जांच के बाद उन्हें बर्खास्त करने और उनको दिए गये वेतन की रिकवरी का निर्देश दिया गया था। जिला बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले के विभिन्न ब्लाकों में तैनात फर्जी शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई तो कर दी लेकिन उनसे वेतन रिकवरी नहीं हो सकी। ऐसे में शासन ने एक बार फिर सख्ती दिखाते हुए बर्खास्त शिक्षकों से जल्द से जल्द वेतन रिकवरी की निर्देश दिया है। इतना ही नहीं रिकवरी में जरूरत पड़ने पर प्रशासन और पुलिस की मदद लेने को भी कहा गया है।
ज्यादा बकाए वालों से पहले होगी वसूली
बेसिक शिक्षा अधिकारी विजेंद्र सिंह ने बताया है कि जांच में सामने आए फर्जी शिक्षक या तो दूसरे के अंक पत्रों, जाति प्रमाण पत्र या फर्जी सर्टिफिकेट या फिर दूसरे के प्रमाण पत्रों पर ही नौकरी कर रहे थे। इनकी शिकायत मिली तो जांच के बाद 74 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। इनसे लगभग 39 करोड़ की रिकवरी बनती है। रिकवरी का जो सिस्टम तय किया गया है उसके तहत जिनपर सबसे अधिक वसूली बनती है उनसे सबसे पहले वसूली की जाएगी। रिकवरी लिस्ट में एेसे फर्जी शिक्षकों का नाम सबसे ऊपर रखा गया है। 74 में 25 ऐसे शिक्षक हैं जिनका कार्यकाल कम रहा, जबकि अन्य 49 का कार्यकाल ज्यादा रहा है। इसलिए विभाग ने इन 49 शिक्षकों को सूची में सबसे ऊपर रखा है।
रिकवरी लिस्ट के टाॅप 3
राजस्व विभाग, पुलिस व शिक्षा विभाग की टीमें करेंगी वसूली
जिले के बर्खास्त शिक्षकों की सूची राजस्व विभाग के पोर्टल पर डाल दी गई है। इसी सूची के आधार पर उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई करते हुए उनसे रिकवरी की जाएगी। सूची के आाधार पर राजस्व विभाग पुलिस और शिक्षा विभाग की टीमें रिकवरी शुरू करेंगी। सभी पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।