मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजकल एक के बाद एक कड़े फैसले ले रहे हैं। जहां उन्होंने यूपी पुलिस से बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश जारी कर रखे हैं। वह भ्रष्टाचार के मामलों में भी वह तत्काल आदेश जारी कर रहे हैं। सीएम योगी के आदेश पर जिन 8 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, उनमें ग्रेटर नोएडा यूपीएसआईडीसी में रीजनल मैनेजर रहे अजयदीप और सुदेश कनौजिया हैं। जबकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उद्योग विभाग में तैनात मयंक श्रीवास्तव को सस्पेंड किया गया है। मयंक श्रीवास्तव पूर्व में यूपीएसआईडीसी में तैनात रह चुके हैं। इनके अलावा सुरेश कुमार, एमएस रावत, सीपी वर्मा, एसके गुप्ता और गोविंद दीक्षित को भी भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड किया गया है। जेवर विधायक धीरेन्द्र ठाकुर की शिकायत पर भ्रष्ट अधिकारियों पर मुख्यमंत्री ने बड़ी कार्यवाही की है।
यह भी पढ़ें- ओवैसी के बयान पर साक्षी महाराज का पलटवार, कहा- उन्हें ठीक करने के लिए हमारा टी राजा की पर्याप्त पहले की सरकारें करती थीं खानापूर्ति गौरतलब हो कि भ्रष्टाचार के आरोप ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यूपीएसआईडीसी पर पहले की सरकारों में भी लगते रहे हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही की जाती थी। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यूपीएसआईडीसी में तैनात भ्रष्ट अधिकारियों पर गाज गिरी है।
यह भी पढ़ें- PM Modi दो जनवरी को रखेंगे यूपी की पहली खेल यूनिवर्सिटी की आधारशिला, स्विस कॉटेज में रुकेंगे पीएम और सीएम अधिकारियों पर लगे थे ये आरोप ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यूपीएसआईडीसी के अधिकारियों पर आरोप है कि यह लोग भूखंड को गलत तरीके से आवंटित करते थे और उसके बदले में मोटी रकम की मांग करते थे। एक उद्यमी ने इन अधिकारियों से परेशान होकर इसकी शिकायत जेवर विधायक धीरेंद्र ठाकुर से की थी। इसके साथ ही अथॉरिटी और यूपीएसआईडीसी के अंदर भ्रष्टाचार के खेल के सबूत भी विधायक को दिए थे। जेवर विधायक इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की। साथ ही सभी सबूत भी सामने रखे, जिसके बाद 8 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।