बयान में अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के हवाले यह पुष्टि की गई। तीनों देशों और यूरोपीय संघ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने 11 नवंबर की अपनी एक रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि की है। पेरिस,बर्लिन,लंदन और ब्रसल्ज ने कहा कि ईरान का यह कदम 2015 के संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के विरुद्ध है।
इसके तहत ईरान अपने कुछ परमाणु कार्यक्रमों पर रोक लगाने के लिए सहमत हुआ है। वहीं ईरान का कहना है कि अमरीका के इस समझौते से एकाएक बाहर आ गया। इसके बाद वह जेसीपीओए के प्रति खुद को बाध्य नहीं मानता।वह अपना कार्यक्रम जारी रखेगा।