समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे हसन की नियुक्ति को खारिज करते हैं, क्योंकि यह भ्रष्ट राजनीतिक दलों को सशक्त करेगा जो सरकार में साझेदारी के बारे में बहस करने की वही पुरानी अवधारणा को अपना रहे हैं, जो देश में व्याप्त मौजूदा आर्थिक और वित्तीय चुनौतियों के बीच नहीं होना चाहिए।
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एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह अवधारणा अब लेबनान में स्वीकार नहीं की जाती है। अधिकारी अब भी लोगों की मांगों की उपेक्षा करते हुए उनके बीच मंत्रालयों का आवंटन कर रहे हैं।
आर्थिक संकट से गुजर रहा है लेबनान
लेबनान मौजूदा दौर में आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। लोग सरकार के विफल आर्थिक नीतियों के खिालफ सड़कों पर उतरे हैं। देशव्यापी आंदोलनों की शुरुआत करने वाले प्रदर्शनकारी, निर्दलीय मंत्रियों के साथ सरकार बनाने की मांग कर रहे हैं, जो देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए संरचनात्मक सुधार लाने में सक्षम हैं।
हालांकि, हसन अब तक विभिन्न राजनीतिक दलों के हस्तक्षेप के कारण, जो अभी आने वाली सरकार में अपनी साझेदारी की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं, एक नए मंत्रिमंडल का गठन करने में विफल रहे हैं।
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लेबनान को नए मंत्रिमंडल की सख्त जरूरत है, क्योंकि यह लगातार सरकारों की विफल नीतियों के कारण बहुत कठिन आर्थिक और वित्तीय संकट से गुजर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप 86 अरब डॉलर से अधिक का सार्वजनिक कर्ज हो गया।
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