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कहीं सफाईकर्मियों के जरिए न फैल जाए कोरोना संक्रमण

पत्रिका अलर्ट :जिला अस्पताल के सफाईकर्मी बिना पूर्ण सुरक्षा के कर रहे कामअस्पताल में भर्ती हैं 4 कोरोना पॉजिटिव मरीजआइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर्स व स्टाफ को ठहरने के लिए है अलग व्यवस्था, सफाईकर्मियों के लिए नहीं

गुनाJun 02, 2020 / 08:25 pm

Narendra Kushwah

कहीं सफाईकर्मियों के जरिए न फैल जाए कोरोना संक्रमण

कहीं सफाईकर्मियों के जरिए न फैल जाए कोरोना संक्रमण

गुना. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जो गाइड लाइन जारी की है उसका ठीक से पालन जिला अस्पताल में नहीं किया जा रहा है। यहां डॉक्टर्स व स्टाफ के अलावा सफाईकर्मियों के लिए अलग-अलग सुरक्षा मानक देखने को मिल रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि जिला अस्पताल में काम करने वाले सफाईकर्मियों को कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए संपूर्ण किट उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। जबकि यह सफाईकर्मी जिला अस्पताल के सभी वार्डों में जाकर प्रतिदिन सफाई करते हैं। यही नहीं सफाईकर्मी काम के बाद एक दूसरे से मिलते हैं। साथ ही प्रतिदिन अपने घर जाते हैं। वहीं इसके उलट कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ के लिए पीपीई किट अनिवार्य है। साथ ही ड्यूटी के बाद घर जाने की अनुमति नहीं है। इनके लिए शासन के निर्देश पर ठहरने की व्यवस्था एक होटल में की गई है। यहीं से प्रतिदिन डॉक्टर्स व स्टाफ जिला अस्पताल जाता है। यहां बता दें कि शासन ने यह विशेष व्यवस्था परिवार के सदस्यों को संक्रमण से बचाने के लिए की है। जो सफाईकर्मी कोविड-19 एरिया में सबसे ज्यादा समय तक काम करते हंै उनके लिए न तो पीपीई किट उपलब्ध करवाई जा रही है और न ही परिवार के सदस्यों को संक्रमण से बचाने ठहरने की अलग से कोई व्यवस्था। कुल मिलाकर सफाईकर्मियों की सुरक्षा के मामले में जरा-सी लापरवाही भारी पड़ सकती है।
जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल में इस समय चार कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती हैं। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है। जब तक यह मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रहेंगे तब तक प्रबंधन को डॉक्टर, स्टाफ व सफाईकर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए विशेष निगरानी रखनी होगी। क्योंकि इन तीनों इकाईयों में से यदि किसी एक से भी जरा-सी लापरवाही होती है तो वह अन्य लोगों को भारी पड़ सकती है। क्योंकि यह सभी लोग आपस में एक दूसरे से मिलते हैं।
सोशल डिस्टेंस का नहीं हो पा रहा पालन
सरकार ने भले ही लिखित आदेश जारी कर मास्क व सोशल डिस्टेंस की अनिवार्यता कर दी हो। लेकिन इसका शत प्रतिशत पालन जिला अस्पताल में नहीं हो पा रहा है। मेडिकल वार्ड, सर्जिकल, वार्ड, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, मेटरनिटी वार्ड में मरीज व अटैंडर मास्क नहीं लगा रहे हैं। यही नहीं इन वार्डों में मरीज के साथ एक से अधिक अटैंडर प्रवेश कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस अव्यवस्था को रोकने के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास पर्याप्त संख्या में गार्ड मौजूद हैं। लेकिन इनका उपयोग प्रबंधन ठीक ढंग से नहीं कर पा रहा है।

सफाईकर्मियों का नहीं कराया बीमा
सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड-19 से लडऩे वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना की घोषणा की है। जिसमें सफाई कर्मचारियों के अलावा वार्ड बॉय, नर्स, आशा कार्यकर्ता, सहायक स्वास्थ्य कर्मी, टेक्निशियन, डॉक्टर, विशेषज्ञ, एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक विशेष बीमा योजना के तहत बीमा कवर पाएंगे। इस संबंध में जब जिला अस्पताल के सफाईकर्मियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि ऐसा कोई बीमा प्रबंधन द्वारा नहीं कराया गया है और न ही इस विषय में कोई जानकारी उन्हें दी गई है। सफाईकर्मियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें सफाई कार्य के दौरान सिर्फ साधारण मास्क दे दिए जाते हैं। गलब्स भी बहुत कम संख्या में दिए जा रहे हैं। कई बार तो बिना गलब्स के लिए ही काम करना पड़ता है।

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