गुना

महाभारत काल के इस हनुमान मंदिर में कर्ण ने की थी तपस्या, आज भी नाग-नागिन का जोड़ा करता है पहरेदारी

ऐसी मान्यता है कि, इस मंदिर में धनुर्धर कर्ण भी तपस्या कर चुके हैं। येभी मान्यता है कि, 7वीं शताब्दी में यहां हनुमानजी की मूर्ति खुद ही प्रकट हुई थी।

गुनाApr 16, 2022 / 10:30 am

Faiz

महाभारत काल के इस हनुमान मंदिर में कर्ण ने की थी तपस्या, आज भी नाग-नागिन का जोड़ा करता है पहरेदारी

गुना. मध्य प्रदेश के गुना जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित प्राचीन हनुमान टेकरी मंदिर का नाम महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि, इस मंदिर में धनुर्धर कर्ण भी तपस्या कर चुके हैं। येभी मान्यता है कि, 7वीं शताब्दी में यहां हनुमानजी की मूर्ति खुद ही प्रकट हुई थी। इस मंदिर को साधु-संतों की तपोभूमि के केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। यहां दक्षिणमुखी हनुमान प्रतिमा है। आपको बता दें कि, यहां एक ही लाइन में तीन पहाड़ियां स्थित हैं। इनमें से एक हनुमान टेकरी के रूप में जानी जाती है तो दूसरी राम टेकरी के रूप में वहीं, तीसरी पहाड़ी लक्ष्मण टेकरी के रूप में प्रख्यात है। हनुमान टेकरी पर बजरंग बली की स्वयंभू प्रतिमा है। हनुमान जयंती के मौके पर अगर हम बात करें हनुमान मंदिर के बारे में तो इससे जुड़ी कई कहानियां और मान्यताएं हैं, जिसे हम आपको बताएंगे।

हनुमान जयंति के अवसर पर मंदिर पर आज शनिवार को मेला लगाया गया है। मेला प्रबंधन के अनुमान के अनुसार, देर शाम तक यहां करीब 10 लाख लोग पहुंच सकते हैं। इसके पीछे वजह ये भी है कि, बीते दो वर्षों से कोरोना संकट के कारण यहां आने पर प्रतिबंध था। ऐसे में तीसरे वर्ष लोगों को मिली रिआयत के चलते इस बार औसत से दोगुनी भीड़ आने की उम्मीद है। यही वजह है कि, इस बार आयोजन को लेकर बड़े पामाने पर व्यवस्थाएं की गई हैं। मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था, आवागमन समेत पार्किंग व्यवस्था कर ली है। वही, मंदिर की सजावट के लिए खास तरह की लाइटिंग की गई है।

 

यह भी पढ़ें- Fact Check : क्या सचमुच सिंधिया ने पायलट से कहा- भैय्या दिल्ली तक ले चलोगे क्या? ये है सच


जीर्णोद्धार के समय मिले थे सोने के सिक्के

बताते हैं कि मढ़िया से मंदिर बनाने के लिए जब इस जगह का जीर्णोद्धार किया जा रहा था, तब खुदाई के दौरान यहां की जमीन से सोने के सिक्के निकल आए थे। मंदिर के नीचे की तरफ एक विशाल पत्थर है, काम के दौरान उस पत्थर को हटाया गया, तो बड़ी संख्या में सांप निकले। सांप इतने ज्यादा थे कि, उस जगह को बंद ही करना पड़ा। वहां खुदाई बंद करनी पड़ी। कहा तो ये भी जाता है कि, खुदाई में कुछ साधुओं की समाधियां भी मिली थीं।


नाग देवता देते हैं मंदिर का पहरा

मंदिर समिति के अध्यक्ष नारायण अग्रवाल के अनुसार, जब यहां मढ़िया थी, तो उसके गेट से चमेली की बेल लगी थी। उस बेल पर हमेशा नाग देवता बेठे रहते थे। वो हर समय बालाजी सरकार की पहरेदारी करते थे। मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद भी पीछे के पेड़ पर अकसर नाग देवता देखे जाते थे। आज भी वह हर समय मंदिर की पहरेदारी करते हैं।


मंदिर में रात के समय कोई नहीं रहता

News

खास बात ये है कि, इस मंदिर के मुख्य प्रांगण में कोई भी नहीं रुकता। ऐसी किवदंती है कि, रात के समय में यहां मीटिंग होती है। पास की पहाड़ियों पर से देवता आते हैं। उनकी बैठकें होती हैं। एक किवदंती यह भी है कि, रात को राम टेकरी से यहां तक बारात आती है। कई लोगों के एक खास प्रकार की रोशनी आने का आभास भी हुआ है। इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि, उन्होंने कई बार ऐसी रोशनी वहां देखी है। इन्हीं कारणों के चलते यहां रात के समय कोई नहीं रुकता।


जिंद बाबा को चढ़ती है सिगरेट

टेकरी परिसर में पीछे की तरफ जिंद बाबा का सिद्ध स्थल है। यहां काफी लोग मन्नत मांगने पहुंचते हैं। मन्नत पूरी होने पर यहां झूला चढ़ाया जाता है। वहीं, बाबा पर प्रसाद के रूप में सिगरेट चढ़ाई जाती है। मान्यता है कि बाबा सिगरेट का ही भोग लगाते हैं।

 

यह भी पढ़ें- संक्रमण से उबरने के बाद भी खत्म नहीं हुए कोरोना के लक्षण, सामने आ रही गंभीर समस्याएं


चबूतरे से कैसे बना विशाल मंदिर

ट्रस्ट अध्यक्ष के अनुसार, पहले यहां सिर्फ एक चबूतरा मात्र था। उसी पर बालाजी सरकार की प्रतिमा स्थापित थी। उसके बाद इसका जीर्णोद्धार हुआ और मढ़िया का निर्माण हुआ। वर्षों तक ये मढ़िया के रूप में ही रही। पिछले 15 साल से फिर इसका जीर्णोद्धार हुआ। आज विशाल मंदिर बना दिया गया है। मंदिर परिसर में धर्मशाला, सत्संग भवन समेत अन्य सुविधाओं का निर्माण किया गया है। करीब 25 करोड़ रुपए की लागत से इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।

 

शिवराज कैबिनेट के मंत्री का बयान, बड़े नेताओं के बेटों को भी मिले टिकट, देखें वीडियो

Hindi News / Guna / महाभारत काल के इस हनुमान मंदिर में कर्ण ने की थी तपस्या, आज भी नाग-नागिन का जोड़ा करता है पहरेदारी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.