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गुना

सर्दी के इस कहर से मरीजों, गरीबों के साथ मवेशियों को भी बचाइए हुजूर

– पत्रिका पहल
मरीजों, गरीबों को ओढ़ने और बिछाने चादर-कंबल नहीं, मवेशी भी ठंड में ठिठुर रहे
सर्दी से बचाव के सरकारी इंतजाम कम, समाजसेवी इन जिंदगियों की मदद के लिए बढ़ाएं हाथ

गुनाDec 19, 2023 / 01:23 pm

Narendra Kushwah

सर्दी के इस कहर से मरीजों, गरीबों के साथ मवेशियों को भी बचाइए हुजूर

सर्दी के इस कहर से मरीजों, गरीबों के साथ मवेशियों को भी बचाइए हुजूर

गुना। सर्द हवाओं की वजह जहां ठिठुरन से बचने लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। घरों में सुरक्षित दुबके हुए हैं। इधर इसके बचाव को लेकर सरकारी इंतजामों में कमी नजर आ रही है। कुछ सार्वजनिक स्थलों पर ही खानापूर्ति के लिए नगर पालिका ने अलाव की व्यवस्था की है। शहर के कई स्थल ऐसे हैं जहां यह सुविधा शुरु नहीं की गई है। वहीं जिला अस्पताल में भी मरीज ठंड की वजह से परेशान हैं। उन्हें अपने घर से कंबल और चादर लेकर आना पड़ रहा है। वार्डों के अंदर रूम हीटर तक नहीं है। इसके अलावा शहर में घूमने वाले मवेशी के लिए भी ठंड के बचाव को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। गुना शहर में नगर पालिका की एक गोशाला संचालित है। लेकिन इसमें कुछ ही मवेशियों को रखा गया है। बाकी मवेशियों की तरफ कोई ध्यान नहीं है। वहीं समाजसेवियों को अब जिंदगियों को बचाने के लिए आगे आना होगा। पत्रिका ने जिला अस्पताल, रैन बसेरा और गोशाला की पड़ताल की तो कई कमियां निकलकर सामने आईं।
जिला अस्पताल:- घर से कंबल और चादर ला रहे मरीज

हालात:- जिला अस्पताल में ठंड से बचाव को लेकर मरीजों को सुविधा नहीं मिल पा रही हैं। उन्हें अस्पताल से ओढ़ने के लिए कंबल और पलंग पर बिछाने के लिए चादर तक नहीं मिल पा रही है। मदर वार्ड में भर्ती महिला मरजीना ने बताया कि वह 3 दिन से यहां पर भर्ती हैं। लेकिन न तो पलंग पर बिछाने के लिए चादर मिला और न ही कंबल। इसलिए यह हमें घर से ही लाने पड़े। यही स्थिति मेडिसिन वार्ड की थी, वहां भी कई मरीज घर से कंबल लाकर इस्तेमाल कर रहे थे। मरीज के अटेंडर के पास भी ठंड से बचाव की सुविधा न होने से कई तो खुले में ही सोने को मजबूर हैं।
अगर कंबल, चादर नहीं मिले दिखवाते है

जिला अस्पताल में पर्याप्त कंबल, चादर ही उपलब्धता है। मरीजों को क्यों नहीं मिले। यह हम दिखवाते हैं। कुछ समय पहले ही सभी वार्ड इंचार्ज से इस सुविधा को लेकर रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने बताया था कि सब ठीक है। फिर भी हम इन इंतजामों को बेहतर करेंगे।
डॉ. एसओ भोला, सिविल सर्जन

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रैन बसेरा:- सुविधा है लेकिन फिर यात्री नहीं उठा पा रहे लाभ

हालात:- शहर में नगर पालिका ने रैन बसेरा का निर्माण कराया तो है, लेकिन इसका लाभ लोग नहीं उठा पा रहे हैं। रैन बसेरा में रुकने वाले लोगों के लिए पलंग, चादर, कंबल जैसी तमाम सुविधाएं हैं। इसके बारे में लोगों को पता नहीं है। क्योंकि नगर पालिका ने इसका व्यापक प्रचार-प्रसार तक नहीं कराया है। इसी स्थल पर 5 रुपए में भर पेट भोजन की सुविधा भी मिलती है। जब पत्रिका ने रैन बसेरा की पड़ताल की तो इसमें 16 पलंग लगे हुए थे। जबकि 5 लोग ही ठहरे हुए थे। कई बार तो यह पूरी तरह खाली ही रहता है। पूछने पर कर्मचारी ने बताया कि कम लोग ही आते हैं। कई लोगों को इस सुविधा का पता नहीं है।
प्रचार कराएंगे ताकि यात्रियों को सुविधा पता चले

यात्रियों के लिए रैन बसेरा की सुविधा नगर पालिका ने बस स्टैंड पर शुरु की है। अगर यात्रियों को इस बारे में जानकारी नहीं है तो इसका प्रचार कराएंगे। सार्वजनिक स्थल जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि जगह पर सूचना चस्पा करवाई जाएगी।
बी बी गुप्ता, इंजीनियर नगर पालिका

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गोशाला:- 400 की क्षमता वाली गोशाला में सिर्फ 163 मवेशी, बाकी सड़क पर

हालात:- शहर के आवारा मवेशियों के लिए नगर पालिका ने कैंट में एक गोशाला स्थापित की है। शहर में घूमने वाले मवेशियों को इसमें रखा जाता है। ठंड से बचाव को लेकर बरसाती आदि जगह-जगह लगाई गई है। टीनशेड भी इस स्थल पर बना हुआ है। मवेशियों के लिए भूसे का भी इंतजाम है। एक अलग से कमरे में यह भरा हुआ है। गोशाला में 400 मवेशियों के रखने की सुविधा है, लेकिन वर्तमान समय में 163 को ही रखा गया है। गोशाला में पर्याप्त जगह होने के बाद भी शहर में आवारा मवेशी घूम रहे हैं। इन्हें इस स्थल पर शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। जबकि मवेशियों को पकड़कर ले जाने के लिए सांसद निधि से वाहन भी मिल चुका है। लेकिन नपा इसका उपयोग नहीं कर रही है।
पर्याप्त सुविधा शिफ्ट करेंगे मवेशी

गोशाला की क्षमता से सिर्फ 40 फीसदी मवेशी ही रखे गए हैं। इसमें 60 फीसदी और शिफ्ट हो सकते हैं। अधिकारियों के निर्देश मिलने पर आवारा घूम रहे मवेशियों को भी इसमें शिफ्ट कराने के प्रयास किए जाएंगे। गोशाला में पर्याप्त सुविधाएं हैं, ठंड से बचाव के लिए भी हीटर आदि लगवा रहे हैं।
बंटी खरे, इंचार्ज गोशाला नगर पालिका

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