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गुना

लॉक डाउन से सड़ रहा ९३५ हेक्टेयर जमीन में टमाटर, हफ्ते में तीन दिन ही खुलेगी मंडी

-पांच सौ से ज्यादा किसानों पर लॉक डाउन की मार-मंडी खुल नहीं रही और दाम मिल नहीं रहा

गुनाApr 17, 2020 / 11:48 am

Mohar Singh Lodhi

लॉक डाउन से सड़ रहा ९३५ हेक्टेयर जमीन में टमाटर, हफ्ते में तीन दिन ही खुलेगी मंडी

लॉक डाउन से सड़ रहा ९३५ हेक्टेयर जमीन में टमाटर, हफ्ते में तीन दिन ही खुलेगी मंडी,लॉक डाउन से सड़ रहा ९३५ हेक्टेयर जमीन में टमाटर, हफ्ते में तीन दिन ही खुलेगी मंडी,लॉक डाउन से सड़ रहा ९३५ हेक्टेयर जमीन में टमाटर, हफ्ते में तीन दिन ही खुलेगी मंडी

गुना से मोहर सिंह लोधी/राघवेन्द्र शर्मा की रिपोर्ट
गुना. लॉक डाउन ने टमाटर उत्पादक किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। ९३५ हेक्टेयर में टमाटर पककर तैयार हैं। लेकिन लॉक डाउन में मंडी न होने से खेतों में सडऩे लगे हैं। टोटल लॉक डाउन की वजह से ४ दिन पूरी तरह मंडी बंद रही। इस कारण हर किसान को तीन से पांच क्विंटल टमाटर खराब हो गया। बाजार न होने से दाम भी नहीं मिल रहा। २५ किलो की कैरेट १२५ रुपए में मुश्किल से बिक रही है। इस कारण ५०० से अधिक किसान और डेढ़ हजार से ज्यादा मजदूरों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
पत्रिका ने गुरुवार को गुना, बीलाबावड़ी, तरावटा में टमाटर की फसलों का जायजा लिया, जहां सैकड़ों बीघा जमीन में लगे टमाटर पौधों में लगे-लगे खराब हो गए हैं। किसान उनको तोड़कर भी रख लें तो खरीदार नहीं मिल रहे। गुना की मंडी नियमित नहीं खुल रही है और वाहनों की आवाजाही बंद होने से अशोकनगर और शिवपुरी भी सप्लाई नहीं कर पा रहे।
यहां होती है सब्जी
जिले में गुना, राघौगढ़ और बमोरी ब्लॉक में सबसे ज्यादा सब्जी की खेती होती है। आरोन और चांचौड़ा में काफी कम रकबा है। बमोरी और गुना में आलू की पैदावार होती है। गुना में सबसे ज्यादा हरी सब्जियां होती है। इनमें जिला मुख्यालय से सात किमी दूर बजरंगगढ गांव़, बीलाबावड़ी और तरावटा मुख्य क्षेत्र हैं। जहां हरी सब्जियों का कारोबार होता है। यहां की सब्ज्यिां गुना जिला के अलावा अशोकनगर और शिवपुरी जिले तक जाती हैं। लेकिन लॉक डाउन के पहले चरण में ही धंधा चौपट हो गया है। दूसरा चरण किसानों की आजीविका पर भी बुरा असर डाल सकता है।
ये है गुना जिले में प्याज की स्थिति
गुना में प्याज की फसल तैयार नहीं हुई है। बाजार में हरी प्याज आ रही है। प्याज की खुदाई में अभी ३० से ४५ दिन का समय लगेगा। गुना, तरावटा, बीला बावड़ी, बजरंगगढ़, म्याना, पाटई सहित कई गांवों के किसानों ने ९५३ हेक्टेयर में प्याज लगाई है। ३ मई तक लॉक डाउन रहेगा। १५ मई के बाद प्याज की फसल आ सकेगी। इसके आगे भी लॉक डाउन चला तो प्याज पर भी संकट गहरा सकता है। उद्यानिकी विभाग के अनुसार, गुना में प्याज का रकबा काफी कम है। जिले के दो ब्लॉक में तो रकबा ना के बराबर है।
हफ्ते में तीन दिन खुलेगी थोक मंडी
उधर, सब्जी की थोक मंडी लॉक डाउन की वजह से हफ्ते में केवल तीन दिन खुलेगी। टोटल लॉक डाउन की वजह से बीते ह ते मंडी नहीं हो पाई। किसानों को सब्जी के फुटकर विक्रेता नहीं मिले। मंडी सचिव रियाज खान ने बताया, हर ह फ्ते सब्जी की थोक मंडी सोमवार, मंगलवार और बुधवार हो ही खुलेगी। फुल लॉक डाउन में पूरी तरह बंद रही। इस बार शुक्रवार को मंडी खुलेगी। मंडी सुबह पांच बजे से लेकर ८ बजे तक तीन घंटे खुलती रही। इसके बाद धारा १४४ का पालन कराया जाता है।
जिले में फूलों का भी कारोबार ठप
ऐसे ही गुना जिले के शहरी क्षेत्र और राघौगढ़ जैसे कई जगह फूलों की खेती का कारोबार बहुतायत संख्या में होता है, राघौगढ़ में तैयार होने वाले फूल बिक्री के लिए गुना, अशोकनगर अकेले नहीं भोपाल और इंदौर तक बिकने जाते हैं। इन फूलों की बिक्री इस समय जिले के धार्मिक स्थानों के बंद होने और शादी-ब्याह भी न होने से पूरी तरह रोक लगी हुई है।
फैक्ट फाइल
९३५ हेक्टेयर में हो रही टमाटर की खेती।
९५३ हेक्टेयर में प्याज बोई है।
५०० से ज्यादा छोटे-बड़े किसान जुड़े हैं।
३०० हेक्टेयर जमीन में आलू की खेती की गई है।
१२५ रुपए में बिक रहा २५ किलो टमाटर।

चार दिन से मंडी पूरी तरह बंद रही। इस कारण १० क्विंटल से ज्यादा टमाटर खेत में खराब हो गए। इन दिनों लागत भी नहीं निकल रही। एक कैरेट मुश्किल से १२५ रुपए में जाती है। इससे लाने-ले जाने का खर्च भी नहीं निकलता।
-जगदीश ठाकुर, टमाटर उत्पादक
मंडी का समय काफी कम है। आज सब्जी लेकर गए, वहां मंडी बंद हो गई। ह ते में तीन दिन ही मंडी खुलती है। इस कारण खेतों में खड़ी सब्जियां खराब हो रही है। प्याज आने में अभी एक महीने का समय लग सकता है।
-जीवन कुशवाह, प्याज उत्पादक

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