ग्वालियर। वातावरण में बढ़ रहा वायु प्रदूषण मनुष्य के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव छोड़ रहा है। एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि दूषित वायु के संपर्क में अधिक समय तक रहने से लोगों के मस्तिष्क में सेरिब्रम का आयतन कम हो रहा है और इस कारण उनकी स्मरण शक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
इंडियन साइंटिफिक रिपोर्ट में प्रकाशित प्राणि विज्ञान के डॉ. विनायक सिंह तोमर की रिपोर्ट के मुताबिक ‘सेरिब्रमÓ मस्तिष्क का सबसे सक्रिय भाग होता है। मनुष्य की स्मरण शक्ति का इससे सीधा संबंध होता है। सेरिब्रम का आयतन जितना अधिक होगा, स्मरण शक्ति उतनी ही तेज रहेगी, इसके विपरीत सेरिब्रम का आयतन घटने से स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। वर्तमान हालातों में वायु प्रदूषण के कारण यही हो रहा है।
जो लोग लगातार दूषित वायु के संपर्क में रहते हैं, उनके मस्तिष्क में सेरिब्रम का आयतन कम हो जाता है और ऐसे लोगों की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है। इसलिए बेहतर होगा कि लोग प्रदूषित माहौल से दूर रहें। खासकर छात्र-छात्राओं को वायु प्रदूषण से बचने की बेहद जरूरत है।
बढ़ रही है दमा की शिकायत
वायु प्रदूषण के कारण लोगों में दमा रोग का ग्राफ भी बढ़ रहा है। शोध में कहा गया है कि दूषित माहौल में सांस लेने से मनुष्य के शरीर में श्वसन मार्ग संकरा हो जाता है। इस वजह से सांस लेने में तकलीफ होती है। अधिक समय तक यही स्थिति बनी रहे तो मनुष्य दमा रोग से पीडि़त हो जाता है। इससे बचने के लिए लोगों को प्रदूषित वातावरण में मास्क का प्रयोग करना चाहिए।
इन बीमारियों का खतरा भी
- प्रदूषित वायु के संपर्क में रहने से आंखों में लालिमा और जलन की शिकायत रहने लगती है। नजर कमजोर भी हो जाती है।
- दूषित वायु के कारण अस्थि कैंसर, टीबी और जोड़ों के दर्द की शिकायत की आशंका बनी रहती है।
- नॉक-नी सिंड्रोम होने की संभावना रहती है। इस वजह से शरीर में जहां भी जोड़ होता है, वहां दर्द होने लगता है।
- दूषित वायु के संपर्क में रहने के कारण समय से पहले बाल सफेद होने लगते हैं। त्वचा पर झुर्रियां भी पड़ जाती हैं।
वायु को प्रदूषित करने वाले तत्व मस्तिष्क के सेरिब्रम के आयतन को कम कर देते हैं। इस वजह से स्मरण शक्ति घटने लगती है। इसलिए हमें प्रदूषित वायु से दूर ही रहना चाहिए।
डॉ. विनायक सिंह तोमर, विभागाध्यक्ष, प्राणि विज्ञान, शा. उत्कृष्ट महाविद्यालय, मुरैना
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