
ग्वालियर। चिकनगुनिया वायरस के स्ट्रेन (नेचर) में बदलाव नजर आया है। यही वजह है कि इस बार चिकनगुनिया का अटैक कमजोर पड़ा है। बीते वर्ष की तुलना में इस बार अब तक महज दो पॉजिटिव मामले ही सामने आए हैं। जयारोग्य अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अजयपाल सिंह ने कहा कि अभी तक चिकनगुनिया का वायरस जिस प्रकार बिहेव कर रहा है उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि इसके स्ट्रेन में बदलाव आया हो, लेकिन बिना स्टडी या साइंटिफिक रिसर्च के कुछ ठोस नहीं कहा जा सकता।
इस साल चिकनगुनिया के मामले काफी कम आ रहे हैं। मामलों में सीरियसनेस भी नहीं दिख रही है। हालांकि अस्पतालों में इलाज की गाइडलाइन फॉलो की जा रही है। यह इसलिए भी किया जा रहा है, जिससे चिकनगुनिया के प्रेशर में दूसरी बीमारी मिस न हो जाए। हालांकि चिकनगुनिया ज्वॉइंट पर ही बार कर रहा है, लेकिन वायरस में सीरियसनेस नहीं है। बीते वर्ष चिकनगुनिया पॉजिटिव मरीजों की संख्या ३०० के पार पहुंच गई थी, लेकिन इस सीजन में दो केस ही सामने आए हैं।
सीधे ज्वॉइंट पर बार
स्टेन में बदलाव भले ही हुआ है, लेकिन वायरस पहले की तरह ज्वॉइंट पर बार अब भी कर रहा है। अबकी बार चिकनगुनिया में रैशेज नहीं हैं, बल्कि ज्वॉइंट पर सीधे बार कर रहा है। बीते साल लोग इसका आंतक देख चुके हैं।
लक्षण : चिकनगुनिया में जोड़ों के दर्द के साथ साथ बुखार आता है और त्वचा खुश्क हो जाती है। चिकनगुनिया सीधे मनुष्य से मनुष्य में नहीं फैलता है। यह बुखार एक संक्रमित व्यक्ति को एडीज मच्छर के काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटने से फैलता है। चिकनगुनिया से पीडि़त गर्भवती महिला को अपने बच्चे को रोग देने का जोखिम होता है।
Published on:
23 Oct 2017 04:02 pm
बड़ी खबरें
View Allग्वालियर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
