डाइट से सेवानिवृल ओमप्रकाश दीक्षित बताते हैं कि 2004 से 2019 के बीच ग्वालियर डाइट में रहते हुए गणित प्रयोगशाला कक्ष तैयार कराई थी। बच्चों को सबसे जल्दी कहानियां याद होती हैं, जो भी मुश्किल टॉपिक होते थे, उन्हें कहानियों की तरह समझाता था। इससे गणित के सूत्र भी समझ आ जाते थे और उनके कॉन्सेह्रश्वट भी द्ब्रिलयर हो जाते थे।
शासकीय पद्माराजे कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की टीचर रेनू माला भदौरिया ने बताया कि गणित की अधिकांश अवधारणाओं को दैनिक जीवन से जोडकऱ तथा चित्रों के जरिए समझाकर इसमें रुचि लाती हूं। द्ब्रलास में टॉपिक से जुड़े हुए सूत्रों की उलपलि एवं उन्हें व्युत्पन्न करना सिखाती हूं, जिससे सूत्रों को रटना नहीं पड़ता। उनसे जुड़ी समस्याओं को वे हल कर लेते हैं।
अमर ज्योति स्कूल एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर की टीचर रेखा शर्मा बताती हैं कि बच्चों को मैथ्स समझाते समय उन्हें खेलकूद और रोचक गतिविधियों के साथ कराती हूं। स्टूडेंट्स को नंबर गेकस, पहेलियां और मनोरंजन के साथ-साथ मैथ कॉन्सेह्रश्वट्स सिखाती हूं। इसमें आधुनिक टेद्ब्रनोलॉजी के जमाने में सॉपटवेयर के माध्यम से गणित को समझाना और आसान हो गया है।
सीएम राइज शासकीय पद्माराजे स्कूल की टीचर निधि शर्मा का कहना है कि गणित से स्टूडेंट्स को भय लगता है और इसका कारण उनकी गलत धारणा है। इसके लिए द्ब्रलास में ग्रुप बनाकर टास्क देती हूं। इसमें हर स्टूडेंट की भागीदारी को रखती हूं। सभी स्टूडेंट्स सरल तरीके से गणित को समझते हैं।
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