आचार संहिता लगने के साथ ही स्मार्ट सिटी में एक नया संकट पैदा हो गया है। क्योंकि जून में स्मार्ट सिटी का कार्यालय खत्म होने जा रहा है। जबकि स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने अभी 5 कार्यों के टेंडर जारी किए थे। लेकिन आचार संहिता लगने से यह टेंडर अटक गए हैं और अब आचार संहिता खत्म होने के बाद ही खुल सकेंगे। इसके अलावा 33 करोड़ की लागत की चार नई परियोजनाओं को भी स्वीकृत दी गई थी, लेकिन यह टेंडर अभी प्रक्रिया में नहीं थे।
नगर निगम में महापौर, सभापति, पार्षदों की मौलिक निधि, निगम निधि से विभिन्न वार्डों में सीमेंट कंक्रीट, डामरीकृत सडक़ों, सीवर, विद्युत व्यवस्था, मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना, कायाकल्प योजना, सुंदरीकरण कार्य के 252 टेंडर अब तक लगाए गए हैं। लेकिन यह सभी टेंडर आचार संहिता लगने से अटक गए हैं।
-एलिवेटेड रोड सेकंड फेज को पीडब्ल्यूडी के सेतु संभाग द्वारा 926.21 करोड़ की लागत से बनना है।
-चंबल पानी प्रोजेक्ट को नगर निगम द्वारा 458 करोड़ की लागत से पूरा करना है।
-अमृत योजना फेज-2 को नगर निगम द्वारा 390 करोड़ से पूरा करना है।
-सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे को एनएचएआइ द्वारा 4297 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा।
-थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना में हाउसिंग बोर्ड द्वारा 180 करोड़ की लागत से पूरा करना है।