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ग्वालियर

international women’s day 2018: पहले खोली महिला बैंक, फिर दौड़ा दी वीरांगना एक्सप्रेस

शहर की सड़कों पर फर्राटे भरती वीरांगना एक्सप्रेस। महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा संचालित। यानी इसमें ड्राइवर महिला है और

ग्वालियरMar 08, 2018 / 11:50 am

Gaurav Sen

अल्का श्रीवास्तव

ग्वालियर। शहर की सड़कों पर फर्राटे भरती वीरांगना एक्सप्रेस। महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा संचालित। यानी इसमें ड्राइवर महिला है और बैठने वाली सवारी भी सिर्फ महिलाएं। शहर में अपनी तरह की यह पहली ट्रांसपोर्ट सेवा है। वीरांगना स्व सहायता समूह के रूप में संचालित इस सेवा को 10 कैब से शुरू किया गया और करीब दो साल बाद 14 कैब से महिलाओं के परिवारों को रोजी-रोटी देने के साथ ही उनको आत्मनिर्भर भी बनाया है।

 

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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की यह पहल अंचल के पहले महिला बैंक, लक्ष्मीबाई महिला नागरिक सहकारी बैंक की चेयरमेन अल्का श्रीवास्तव ने की थी। बचपन में लड़कियों के साथ परिवार, समाज और बाहर दोहरा व्यवहार, स्कूल, कॉलेज में उनकी उपेक्षा तथा आर्थिक रूप से असहाय जैसी स्थिति के कारण ही अल्का के मन में उनके लिए कुछ करने का विचार आया।

 

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शादी के बाद जब ससुराल आर्इं तो यहां भी उन्हें महिलाओं की वही स्थिति देखने को मिली, तब महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम करने के लिए प्रदेश के पहले महिला बैंक के रूप में उन्होंने 1997 में लक्ष्मीबाई महिला नागरिक सहकारी बैंक की स्थापना की। इस बैंक में मैनेजर से लेकर सुरक्षाकर्मी तक महिला ही हैं। ग्वालियर के साथ डबरा में भी इस तरह का महिला बैंक खोला जा चुका है। कम एजुकेटेड महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और वाहनों में महिला की सुरक्षा के लिए कैब का आइडिया आया। अल्का कहती हैं महिला बैंक और वीरांगना कैब को प्रारंभ करने का उद्देश्य केवल इतना ही था कि महिलाएं स्वयं आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें।


बचपन से महिलाओं के प्रति दोहरा रवैया देखा

संसद में महिला आरक्षण विधेयक आज तक लटका हुआ है। बचपन से महिलाओं के प्रति दोहरा रवैया देखती आ रही हूं। उनके लिए कुछ करने का विचार आया। वीरांगना कैब व बैंक से केवल महिलाओं को सक्षम बनाना है।


अल्का श्रीवास्तव
चेयरमैन, लक्ष्मीबाई महिला नागरिक सहकारी बैंक

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