लोकसभा निर्वाचन 1984 के कई रोचक किस्से हैं। इस चुनाव में भाजपा ने वसुंधरा राजे सिंधिया को चुनाव मैदान में उतारा था। वहीं कांग्रेस की ओर से दतिया के किशन सिंह जू देव प्रत्याशी थे। खास बात यह है कि इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रत्याशी पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे। भाजपा की हार हो और कांग्रेस जीते इसके लिए दोनों दल ही नहीं मां-बेटे (विजयाराजे सिंधिया एवं माधव राव सिंधिया) भी आमने-सामने थे। राजनीति में रुचि रखने वाले बताते हैं कि इस चुनाव में दोनों ने ही अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया था।
मंच के पास ही चूना से एच बना देते थे
लोकसभा निर्वाचन 1984 के आम निर्वाचन के कई रोचक किस्से पत्रिका से साझा करते हुए पूर्व विधायक घनश्याम सिंह ने बताया कि उन दिनों निर्वाचन आयोग की सती कम ही रहती थी और न ही किसी हेलीकॉप्टर के संबंध में हेलीपैड की अनुमति की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती थी। मेरे पिताजी का पहला चुनाव होने और राजनीति का कोई अनुभव न होने की वजह से उनके लिए माधवराव सिंधिया प्रतिदिन 10-12 सभाएं रोज करते थे। सिंह ने बताया कि उन दिनों मंच के पास ही चूना या चौक से हेलीकॉप्टर उतारने के लिए मंच के पास हम लोग एच बना देते थे। हेलीकॉप्टर उतारने के लिए कंडों से धुआं करते थे ताकि पायलट समझ सके कि हेलीकॉप्टर कहां उतारना है। हेलीकॉप्टर में भी पायलट सहित दो लोगों के बैठने की जगह होती थी। मंच के पास ही हेलीकॉप्टर उतरने की वजह से सिंधिया पैदल ही मंच तक जाते थे और सभा करते थे।
रानी ढोल बजाएगी, राजा दिल्ली जाएगा
पूर्व विधायक घनश्याम सिंह ने बताया कि 1984 के चुनाव में एक नारा काफी चला था, जिसकी शुरुआत भाजपा वालों ने की थी, लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को मिला। उन्होंने बताया कि भिंड में जब कांग्रेस प्रत्याशी किशन सिंह जू देव जुलूस के रूप में नामांकन दाखिल करने जा रहे थे। उसी दौरान भाजपा के लोग नामांकन दाखिल करके लौट रहे थे। हम लोगों को देख कर भाजपा वालों ने नारा लगाना शुरू किया कि राजा ढोल बजाएगा। चूंकि कांग्रेस के जुलूस में लोगों की संख्या ज्यादा होने की वजह से कांग्रेस के लोगों ने नारा लगाना शुरू कर दिया कि रानी ढोल बजाएगी, राजा दिल्ली जाएगा और इस नारे का पूरे चुनाव पर कांग्रेस के पक्ष में सकारात्मक माहौल बना।