पंचायत सचिवों से जुटाया जा रहा पलायन पर गए मतदाताओं का आंकड़ा
झाबुआ. आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन अभी से प्रचार-प्रसार से लेकर तमाम सारी कवायदें कर रहा है। इसके बावजूद एक बड़ा पेच है। जो लक्ष्य पाने में बाधा बन सकता है। वह है जिले से बड़ी तादाद में रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में होने वाला पलायन। हालांकि अधिकारी इस समस्या से भी पार पाने के लिए उपाय करने की बात कह रहे हैं।
जिले से रोजगार के लिए अन्य प्रांतों में पलायन करने वाले मतदाताओं को इस बार मतदान के लिए न्योता दिया जाएगा। पंचायत सचिवों के जरिए प्रशासन ऐसे मतदाताओं का आंकड़ा जुटाने में लगा है। इसका मकसद जिले के मतदान का प्रतिशत को बढ़ाना है। गौरतलब है कि पश्चिमी मप्र के आदिवासी अंचल झाबुआ से हर साल रोजगार के लिए करीब एक लाख से •ा्यादा लोग सीमावर्ती गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के लिए पलायन कर जाते हैं। इसमें भी 80 फीसदी युवा होते हैं जो लोकतंत्र के उत्सव में मतदान के जरिए अहम भूमिका निभाते हैं। लिहाजा प्रशासन इस बार ऐसे प्रयास कर रहा है कि बाहर गया कोई भी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रह जाए। इसके लिए पहले प्रत्येक ग्राम पंचायत में रोजगार के लिए बाहर गए ग्रामीणों का पूरा ब्योरा तैयार किया जा रहा हैं। इसके बाद संबंधित बीएलओ, पंचायत सचिव और पटवारियों के जरिए उन्हें न केवल मतदान की तारीख बताई जाएगी, बल्कि मतदान करने यहां आने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। इससे निश्चित तौर पर मतदान के आंकड़ों में इजाफा होगा।
झाबुआ विधानसभा में हुआ था सबसे कम मतदान
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में झाबुआ विधानसभा में सबसे कम 65.26 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि थांदला विधानसभा में सर्वाधिक 87.54 फ़ीसदी मतदाता, मतदान करने पहुंचे थे। वहीं 2019 में झाबुआ विधानसभा में हुए उप चुनाव में महज 61.91 प्रतिशत ही मतदान हुआ था। यानी 2018 के चुनाव की तुलना में इसमें 3.35 प्रतिशत की कमी आई थी।
निर्माण स्थलों पर मतदान की तारीख चस्पा करवाने के प्रयास
प्रशासन इस कवायद में भी लगा है कि झाबुआ से लगे सीमावर्ती गुजरात और राजस्थान राज्य के नजदीकी जिलों के कलेक्टर से चर्चा कर वहां की निर्माण साइट पर मप्र में होने वाले चुनावों की तारीख के फ्लेक्स और बैनर चस्पा करवाए जाए। ताकि झाबुआ से काम पर गए लोगों को मतदान की तारीख का पता रहे और वे मताधिकार से वंचित न रह जाएं।
मतदाताओं को वोट डालने के लिए प्रेरित करेंगे
&मतदान करना हर व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है। चुनाव आयोग की भी मंशा यही है कि शत प्रतिशत मतदान हो। चूंकि हमारे जिले से काफी संख्या में लोग बाहर जाते हैं तो हम पंचायत सचिवों के जरिए उनके आंकड़े जुटा रहे हैं। ऐसे सभी मतदाताओं को मतदान की तारीख बताने के साथ ही अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
तन्वी हुड्डा, कलेक्टर, झाबुआ