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ग्वालियर

यहां हैं सबसे खतरनाक सांप, अजगर—मगरमच्छ से भी भरा क्षेत्र

चिडिय़ाघर के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को लिखा पत्र, स्वीकृति के साथ ही शुरू होगी जमीन की प्रक्रिया

ग्वालियरSep 06, 2021 / 10:30 am

deepak deewan

Most dangerous snake python crocodile Gandhi Zoological Park Gwalior

Most dangerous snake python crocodile Gandhi Zoological Park Gwalior

ग्वालियर। गांधी प्राणी उद्यान को स्थानांतरित करने के लिए गुढ़ा पर फायनल हुई 125 हैक्टेयर जमीन को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है। जमीन की प्रोसेसिंग के रूप में नगर निगम वन विभाग के खाते में 16 हजार रुपए ऑनलाइन फीस जमा करा दी थी। इसके बाद अब आठ वर्ष से अटके ओपन सफारी इसको लेकर वन विभाग के अधिकारियों ने अब केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा है। इसके साथ ही ओपर सफारी के लिए डीपीआर की प्रक्रिया तैयार करने के लिए भी मंथन शुरू हो गया है।
दरअसल, वर्तमान चिडिय़ाघर की 12 हैक्टेयर जमीन पर 67 प्रजातियों के 550 से अधिक वन्य प्राणियों को रखा गया है। इस जगह के चारों ओर से सड़क निकली होने से वाहनों से निकलने वाला धु़आं और शोर प्राणियों में एंग्जाइटी देखी गई है। कम जगह होने की वजह से वन्य प्राणियों को विस्थापित करने की योजना बनाई गई थी। इसके बाद विशेषज्ञ समितियों ने पूरी योजना को लेकर अपना मत दिया.
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सबसे पहले दुगुनावली-रायरू में 75 हैक्टेयर भूमि आवंटित हुई लेकिन इस जगह को वन्य प्राणियों की दृष्टि से उपयुक्त न होने के कारण सैंट्रल जू अथॉरिटी ने मान्य नहीं किया था। इसके बाद गुढ़ा-गुड़ी के नाके पर लिटिल एंजेल स्कूल के सामने जींस नंबर-35 (वन विभाग की पहचान) पहाड़ी की जगह को लेकर भोपाल से स्वीकृति मिली है। अब इसका प्रस्ताव केन्द्रीय वन एवं मंत्रालय भेजा गया है।
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चिडिय़ाघर की जमीन को लेकर बीते डेढ़ वर्ष में स्मार्ट सिटी सीईओ जयति सिंह ने लगातार वन विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग करके सहमति बनाने में भूमिका निभाई। इसके बाद तत्कालीन डीएफओ अभिनव पल्लव ने भी सकारात्मक रवैया अपनाकर गुढ़ा गुड़ी के नाके की जमीन को लेकर सहमति दे दी थी। यहां सबसे खतरनाक सांपों की कई प्रजातियां हैं, मगरमच्छ, अजगरों से भी यह क्षेत्र भरा पडा है.
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यह होनी है प्रक्रिया
-गांधी प्राणी उद्यान को ओपन सफारी में बदलने के लिए डीपीआर तैयार की जाएगी।
-वन्य प्राणियों के हिसाब से आर्किटेक्ट को हायर करके नक्शा बनवाया जाएगा।
-यह नक्शा और डीपीआर सैंट्रल जू अथॉरिटी को भेजा जाएगा।
-जू अथॉरिटी से स्वीकृति मिलने के बाद फंड रिलीज होगा और काम शुरू होगा।
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इतने प्राणियों को मिलेगी नई जगह
-टाइगर, लॉयन, लैपडज़्, हिप्पो, डियर, बियर, मंकी सहित 151 वन्य प्राणी मौजूद हैं।
-एलीफेंट, रायनो, चिंपेंजी सहित अन्य वन्य जीव भी लाए जा सकेंगे।
-10 तरह की प्रजातियों के सांप, घडिय़ाल, मगरमच्छ, अजगर सहित 115 से अधिक वन्य जीव मौजूद हैं।
-तोता, गिद्द, चील सहित करीब 252 पक्षी मौजूद हैं।
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