उदाहरण-1 शहर में 2000 एलईडी लाइटें बाहरी कंपनी ने लगाईं, इनमें से कई खराब हैं जिसे सुधारने कंपनी कर्मचारी कई माह बाद आते हैं। निगम के पास एक्सपर्ट नहीं होने से यह कंडम होने की कगार पर हैं।
13.45 लाख की लाइट के लिए- मेक केरीबोनी इटली व हेपर तुर्की, रोसा पोलेंड
2.80 लाख की लागत वाले विद्युत पोल के लिए-मेक लिटोलक्स
2.40 लाख की लागत की लाइट- मेक लेक लेयोन जर्मनी, इम्फा तुर्की
2.28 लाख की लागत से कंट्रोल पैनल के लिए -मेक लेक लेयोन
1.27 लाख की लागत से कंट्रोल पैनल के लिए -मेक निकोलेऊडी, लेयोन
नोट- इसी प्रकार विद्युत के अन्य प्रकार के आयटमों में बाहरी कंपनियों के नाम दर्शाए हैं।
भाजपा केवल स्वदेशी की बातें करती है, इनकी कथनी करनी में अंतर है। लाइटें निगम के सुपुर्द होंगी तब इनका संधारण कैसे होगा समझ सकते हैं। क्या इटली व पोलेंड से ठेकेदार सही करने आएंगे।
कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष ननि
टेंडर में विदेशी कंपनियों के नाम हैं इसकी जानकारी नहीं है। मामले को एमआईसी में रखेंगे ताकि स्वदेशी का बढ़ावा दे सकें।
धर्मेंद्र राणा, जनकार्य प्रभारी ननि