कोरोना कर्फ्यू से पहले जिन परिवारों में शादियां थी वे पंडित, ज्योतिषियों के पास रात की लग्न निकलवाने पहुंच रहे थे। उत्तर भारत में अधिकांश शादियां रात को होती है। बारात चढऩे के बाद लड़के और लड़की वाले देर रात तक स्टेज प्रोग्राम, डांस आदि में एंजाय करते हैं और रातभर शादी की रस्में चलती है। परंतु कोरोना संक्रमण के चलते नाइट कर्फ्यू चलने के कारण वर्तमान में शादी के मुहूर्त पूछने वाले अथवा शादी की लग्न दिन में चाहने वाले लोगों की संख्या अचानक बढ़ी है।
ज्योतिषाचार्य पंडित गौरव उपाध्याय ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान दिन में शादी की लग्न, फेरों का समय चाहने वाले लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई हैं । कोरोना गाइडलाइन तथा नाइट कफ्र्यू के कारण लोग दिन में ही मुहूर्त चाह रहे तथा शादी का समय भी कम कर रहे हैं । प्राय: बारात के आने तथा विदाई में लगभग 12 घंटे का समय लगता था परंतु अब लोग 6 से 8 घंटे में ही शादी पूरी करना चाह रहे हैं। लोग ऐसा चाह रहे हैं कि शादी दोपहर से शाम तक संपन्न हो जाए। शादी की रस्मों के समय को भी कम कर रहे हैं जैसे-शादी के समय होने वाला नाच- गाना, शादी के समय होने वाली फोटोग्राफी आदि। लोगों की संख्या कम होने के कारण भोजन में लगने वाला समय तथा पैर पखरायी (पैर पूजन) में लगने वाला समय भी कम हो रहा है, जिसके कारण शादी कम समय में ही संपन्न कराई जा सके। कुछ जगहों पर वर तथा वधू दोनों की ओर से संयुक्त पंडित (पुरोहित) भी किए जा रहे हैं।
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पं. प्रमेन्द्र चतुर्वेदी, ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कोरोना संक्रमण से जो लोग विवाह का मुहूर्त निकलवाने आते थे उनका कहना होता था कि लग्न रात की हो। इक्का-दुक्का लोग ही दिन की लग्न निकलवाते थे लेकिन अब जो लोग शादियां शोधन करवाने आ रहे हैं वे दिन की ही लग्न निकालने की कहते हैं। ज्योतिषाचार्य, पुनीत गुगनानी ने बताया कि ये बात सही है कि रात के कर्फ्यू के चलते जो लोग शादी का मुहूर्त निकलने आ रहे हैं वे लोग चाह रहे हैं कि लग्न दिन की हो ताकि रात को कोई कार्यक्रम ही न हो। शाम तक विदा हो जाए। पिछले तीन-चार दिनों में ज्यादातर लोगों की मांग दिन के लग्न की रही है।
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