मैसूर पैलेस के आर्किटेक्चर की दिखती है झलक
इस बिल्डिंग को तत्कालीन महाराजा ‘माधौ राव सिंधिया (1886 से 1925 तक) ने गेस्ट के रुकने के लिए तैयार’ कराया था। उस समय ब्रिटिश राज था। ग्वालियर का रेलवे स्टोशन बन चुका था। ट्रेन से सिंधिया राजपरिवार के जो भी गेस्ट आते थे, उन्हें यहां ठहराया जाता था। इस बिल्डिंग को आजादी के बाद तक गेस्ट हाउस के नाम से जाना जाता था। यह बिल्डिंग मैसूर पैलेस के आर्किटेक्चर से काफी मिलती-जुलती है।
पढ़ें ये खास खबर- कॉलेज में विद्यार्थियों से अवैध वसूली, यूनिवर्सिटी का फीस स्ट्रक्चर कम कॉलेज वसूल रहा अधिक फीस
OTA की भव्यता दिखाने तैयार की गई गैलरी
ओटीए में छह गैलरी कुछ समय पहले ही ओपन की गई हैं। पूरे देश से प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आने वाली महिला अफसर को ओटीए की भव्यता की जानकारी देने विरासत कक्ष को तैयार किया गया। इन गैलरी में ग्वालियर का इतिहास, नेवी, एयरफोर्स, आर्मी और ओटीए स्थापना के उद्देश्य को शामिल किया गया है। कक्ष में सन् 1760 के हथियार डिस्पले किए ही हैं, साथ ही 1948 से 2020 तक का सफर दिखाया है।
2002 में नाम निला था OTA
इतिहासकार बताते हैं कि, अक्टूबर 1964 में एनसीसी कॉलेज फॉर वूमन की शुरुआत हुई। हुई वर्ष 1955 में पहला बैच पासआउट हुआ। एनसीसी कॉलेज फॉर वुमन को 1982 में रीडिजाइन कर वुमंस ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल बनाया गया। नवंबर 2002 में इसे फिर बदलाव कर ‘ओटीए’ नाम दिया गया।
भाजपा ने किया सिंधिया का भव्य स्वागत, देखें वीडियो…