चश्मदीद- जांच टीम
२० हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए फर्म एंड सोसाइटी के सहायक पंजीयक बीडी कुबेर अब जांच में भी गच्चा दे रहे हैं। कुबेर को ईओडब्ल्यू आवाज का नमूना देने के लिए बुला रही है। इसलिए कुबेर को २ मार्च को व्याइस टेस्ट देने का नोटिस भी थमाया था।तय तारीख पर टीम उनके इंतजार में बैठी रही कुबेर गच्चा दे गए। व्याइस टेस्ट नहीं देने के पीछे कोई कारण भी नहीं बताया।
किस कैसे पकडा
प्रदीप वर्मा- नगरनिगम के तत्कालीन सिटी प्लानर को ईओडब्ल्यू ने बिल्डर से ५ लाख रू की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडा था। फरियादी को ओडियो रिकार्डर देकर रिश्वत की बात टेप कराई। फिर इसी आवाज से मिलान के लिए प्रदीप को व्याइस टेस्ट के बुलाया गया। लेकिन ३ नोटिस के बाद भी वर्मा ने टेस्ट नहीं दिया। उसका ब्यौरा ईओडब्ल्यू ने कोर्ट को दिया है।
मनीष कन्नौजिया- नगरनिगम के क्षेत्र क्रमांक १४ के जोनल अधिकारी मनीष कन्नौजिया और टाइम कीपर को ईओडब्ल्यू ने सिकंदर कंपू निवासी बिल्डर की निर्माणाधीन 8 इमारतों को तोडऩे की धमकी दी थी। कार्रवाई नहीं करने के बदले ३ लाख रू मांगे थे। रिश्वत की बातचीत टेप कराई थी।
भगवानदास कुबेर- विजयाराजे गल्र्स कॉलेज के नृत्याचार को दिल्ली निवासी छात्र से थीसिस पर हस्ताक्षर करने के बदले भगवानदास माणिक ने २० हजार मांगे थे। । व्याइस रिकार्डर के जरिए फरियादी ने माणिक की घूस की डिमांड भी रेकार्ड की थी।
यह है नियम
घूस लेते रंगे हाथ पकडे आरोपी की आवाज के मिलान के लिए तीन बार नोटिस दिए जाते हैं। लेकिन विभाग उसे आवाज के नमूने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। अगर आरोपी आवाज का सैंपल नहीं देता तो यही माना जाता है घूस मांगत वक्त रिकार्ड की गई आवाज उसकी है। सेंपल नहीं देना आरोपी के खिलाफ माना जाता है।
इनका कहना है
कानूनी प्रकिया का पालन तो करना चाहिए। रिश्वत लेने के आरोप में आने वाले अगर व्याइस टेस्ट की प्रकिया का पालन नहीं करते तो ईओडब्ल्यू को नियम और अदालत के निर्देश पर आरोपियों पर कार्रवाई करना चाहिए।
रामलाल वर्मा रिटायर्ड आईजी