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ग्वालियर

ठेंगे पर कानून- ठोक कर मांगी घूस, व्याइस टेस्ट को राजी नहीं घूसखोर

ईओडब्ल्यू थमाती नोटिस, नजरअंदाज करते आरोपीघूसखोरी के चार मामलों में आवाज का नूमना नहीं ले पाई टीम

ग्वालियरMar 07, 2022 / 01:53 am

Puneet Shriwastav

EOW handing notice, ignoring the accused

ठेंगे पर कानून- ठोक कर मांगी घूस, व्याइस टेस्ट को राजी नहीं घूसखोर

ग्वालियर। सरकारी कुर्सी के रूतबे पर घूसखोरी करने वाले रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने पर उसकी ठसक से कानून को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। इन रिश्वतखोरों से आवाज का नमूना लेने में ईओडब्ल्यू को पसीना आ रहा है। महकमे को चार घूसखोर गच्चा दे रहे हैं।
तमाम कोशिश के बावजूद ईओडब्ल्यू उनसे जांच में जरूरी सबूत नहीं जुटा पा रही है। इससे जाहिर है घूसखोरी करने वाले पकड़े जाने के बाद भी हावी हैं। इन्हें रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़े वाले अधिकारी कहते हैं, घूसखोरों को पता है उनकी आवाज ही जुर्म का पुख्ता सबूत होगी।
इसलिए उसका नमूना देने से मुंह छिपा रहे हैं। सब कुछ जानते हुए भी विभाग सख्ती नहीं कर सकता यह आरोपियों को पता है।
चश्मदीद- जांच टीम
२० हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए फर्म एंड सोसाइटी के सहायक पंजीयक बीडी कुबेर अब जांच में भी गच्चा दे रहे हैं। कुबेर को ईओडब्ल्यू आवाज का नमूना देने के लिए बुला रही है। इसलिए कुबेर को २ मार्च को व्याइस टेस्ट देने का नोटिस भी थमाया था।तय तारीख पर टीम उनके इंतजार में बैठी रही कुबेर गच्चा दे गए। व्याइस टेस्ट नहीं देने के पीछे कोई कारण भी नहीं बताया।
हालांकि यह पहला मौका नहीं है जिसमें घूसखोरों ने व्याइस टेस्ट को अनदेखा किया हो। इससे पहले ईओडब्ल्यू ने नगरनिगम के सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा, नगरनिगम के जोन १४ के जेडओ मनीष कन्नौजिया, टाइम कीपर इंदरसिंह, विजयाराजे गल्र्स कॉलेज मुरार के नृत्याचार भगवानदास माणिक इसी तरह इंवेस्टीगेशन को छका चुके हैं। जांच टीम का कहना है घूसखोरी करने वालों ने ठोककर रिश्वत मांगी थी। पैसों की डिमांड का ओडियो तो इओडब्ल्यू के रेकार्ड में है। आरोपियों की आवाज का नूमना लेकर उससे मिलान किया जाता है। लेकिन आरोपी जानते हैं। व्याइस टेस्ट दिया तो आवाज मेल खाएगी। यह रिश्वत खोरी का पुख्ता सबूत होगा। इसलिए व्याइस टेस्ट नहीं दे रहे हैं।
किस कैसे पकडा
प्रदीप वर्मा- नगरनिगम के तत्कालीन सिटी प्लानर को ईओडब्ल्यू ने बिल्डर से ५ लाख रू की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडा था। फरियादी को ओडियो रिकार्डर देकर रिश्वत की बात टेप कराई। फिर इसी आवाज से मिलान के लिए प्रदीप को व्याइस टेस्ट के बुलाया गया। लेकिन ३ नोटिस के बाद भी वर्मा ने टेस्ट नहीं दिया। उसका ब्यौरा ईओडब्ल्यू ने कोर्ट को दिया है।
मनीष कन्नौजिया- नगरनिगम के क्षेत्र क्रमांक १४ के जोनल अधिकारी मनीष कन्नौजिया और टाइम कीपर को ईओडब्ल्यू ने सिकंदर कंपू निवासी बिल्डर की निर्माणाधीन 8 इमारतों को तोडऩे की धमकी दी थी। कार्रवाई नहीं करने के बदले ३ लाख रू मांगे थे। रिश्वत की बातचीत टेप कराई थी।
भगवानदास कुबेर- विजयाराजे गल्र्स कॉलेज के नृत्याचार को दिल्ली निवासी छात्र से थीसिस पर हस्ताक्षर करने के बदले भगवानदास माणिक ने २० हजार मांगे थे। । व्याइस रिकार्डर के जरिए फरियादी ने माणिक की घूस की डिमांड भी रेकार्ड की थी।
माणिक को भी व्याइस टेस्ट के लिए बुलाया गया, लेकिन बीमारी का हवाला देकर टेस्ट नहीं दिया।
यह है नियम
घूस लेते रंगे हाथ पकडे आरोपी की आवाज के मिलान के लिए तीन बार नोटिस दिए जाते हैं। लेकिन विभाग उसे आवाज के नमूने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। अगर आरोपी आवाज का सैंपल नहीं देता तो यही माना जाता है घूस मांगत वक्त रिकार्ड की गई आवाज उसकी है। सेंपल नहीं देना आरोपी के खिलाफ माना जाता है।
इनका कहना है
कानूनी प्रकिया का पालन तो करना चाहिए। रिश्वत लेने के आरोप में आने वाले अगर व्याइस टेस्ट की प्रकिया का पालन नहीं करते तो ईओडब्ल्यू को नियम और अदालत के निर्देश पर आरोपियों पर कार्रवाई करना चाहिए।
रामलाल वर्मा रिटायर्ड आईजी

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