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ग्वालियर

ठेकेदारों पर मेहरबान निगम के अफसर, चहेतों को काम देने बदलीं टेंडर की शर्तें, जानिए क्या है मामला

एलईडी लाइट्स का मेंटेनेंस करने के लिए करीब 45 लाख रुपए का काम तैयार किया गया, इसमें निगम अफसरों ने सांठगांठ करअपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए न केवल टेंडर की तारीख को 5 दिन बढ़ा दिया, बल्कि टेंडर में लगाई गई ए-क्लास के कॉन्ट्रैक्टर की अनिवार्य शर्त को भी खत्म कर दिया गया

ग्वालियरFeb 17, 2019 / 07:38 pm

Rahul rai

municipal corporation

ठेकेदारों पर मेहरबान निगम के अफसर, चहेतों को काम देने बदलीं टेंडर की शर्तें, जानिए क्या है मामला

ग्वालियर। प्रदेश में सरकार बदलने का असर सरकारी प्रक्रिया में देखने को नहीं मिल रहा है। अफसर अपने चहेते ठेकेदारों को काम देने के लिए मनचाही शर्तें लगाने और हटाने का खेल खेल रहे हैं। ताजा मामला विद्युत विभाग से जुड़ा हुआ है, जिसमें शहर में लगाई गई एलईडी लाइट्स का मेंटेनेंस करने के लिए करीब 45 लाख रुपए का काम तैयार किया गया, इसमें निगम अफसरों ने सांठगांठ करअपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए न केवल टेंडर की तारीख को 5 दिन बढ़ा दिया, बल्कि टेंडर में लगाई गई ए-क्लास के कॉन्ट्रैक्टर की अनिवार्य शर्त को भी खत्म कर दिया गया, जबकि अफसरों ने 37 हजार रुपए के पंखे खरीदने में ए-क्लास के कॉंन्ट्रैक्टर की शर्त को अनिवार्य किया है।
यहां लगाई शर्त
टेंडर- वार्ड 50 में गजराराजा कन्या विद्यालय में पंखे सप्लाई करना।
राशि-37 हजार रुपए
टेंडर लगा-1 फरवरी को
अंतिम तारीख-15 फरवरी
खुलेगा-18 फरवरी को


टेंडर-9400 नंबर में निगम में 1200 एमएम के पंखे खरीदे जाने हैं।
राशि-13 लाख
टेंडर लगा- 1 फरवरी को
अंतिम तारीख-15 फरवरी
खुलेगा-18 फरवरी को
नोट-उक्त दोनों टेंडर में ए-क्लास के इलेक्ट्रिकल कॉंन्ट्रैक्टर को अनिवार्य किया गया है।
गोलमाल करने यहां हटाई शर्त
-टेंडर-9586 नंबर के टेंडर में शहर में एलईडी लाइट्स के संधारण का काम करना है।
राशि-45 लाख से अधिक
टेंडर लगा-1 फरवरी को
खुलना था-15 फरवरी
अब खुलेगा-20 फरवरी को


ऐसे किया गोलमाल
– 12 फरवरी को टेंडर की शर्त में ए-क्लास के कॉन्ट्रैक्टर की अनिवार्य शर्त को हटा दिया गया और 5 दिन का समय और बढ़ा दिया गया। साथ ही नेशनल डिस्ट्रीब्यूटर की शर्त भी लगा दी, विदेशी कंपनी के एजेंट को शामिल करने की अनिर्वायता भी कर दी।
यह सीधे तौर पर घोटाला है
टेंडर में मनमानी शर्तें लगाना और सांठगांठ कर उसे हटाने का खेल निगम के अफसर खेल रहे हैं। यह भी सीधे तौर पर घोटाला है, जिसमें दोषी अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम
यह तो गलत है
अगर शर्त को हटाया गया है तो यह सीधे तौर पर गलत है। इस मामले में अफसरों से जवाब मांगेंगे, जो भी लोग इसमें सांठगांठ कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
धर्मेंद्र राणा, एमआइसी सदस्य नगर निगम

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