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ग्वालियर

मूर्ति खंडित करने पर मचा बवाल, सड़क पर उतरे ग्रामीण और लगाया जाम, भारी संख्या में फोर्स तैनात

क्षेत्रीय विधायक व अधिकारियों के आश्वासन के बाद खोला जाम

ग्वालियरFeb 23, 2020 / 01:24 pm

monu sahu

shiv and mata statues broken temple in morena

मंदिर की मूर्ति खंडित करने पर मचा बवाल, सड़क पर उतरे ग्रामीण और लगाया जाम, भारी संख्या में फोर्स तैनात

ग्वालियर। प्रदेश के चंबल संभाग के मुरैना जिले में माता बसैया थाना क्षेत्र के जींगनी गांव में शनिवार रविवार की रात को अज्ञात बदमाशों ने शिवलिंग व माता की मूर्ति से छेड़छाड़ कर दी। इस घटना को लेकर गांव में तनाव का माहौल निर्मित हो गया। रात को ही ग्रामीणों ने पुलिस का बताया। जिसके बाद पुलिस ने एक व्यक्ति को पकड़ भी लिया था लेकिन मामला दर्ज नहीं किया। सुबह गुस्साए लोगों ने आठ बजे से अंबाह मुरैना मार्ग पर जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय विधायक गिर्राज डंडोतिया, एसडीएम आरएस बाकना, डीएसपी मुख्यालय मानवेन्द्र सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।
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उन्होंने ग्रामीणों को समझाया तब कही जाकर करीब 12 बजे जाम खुल सका। उसके बाद ग्रामीणों के कहने पर सरकारी बिल्डिंगों से अतिक्रमण भी हटाया गया। विदित हो जींगनी गांव में रियासतकालीन जयश्वर महादेव मंदिर है। उस पर गांव के ही एक गुट ने शनिवार को भंडारा किया था। इसी दौरान शिवशंकर यादव पक्ष के लोगों से विवाद हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि रात को शिवशंकर यादव ने पहले शिवलिंग फिर माता की मूर्ति तोड़ दी। रात को पुलिस को रिपोर्ट कर दी थी और पुलिस ने एक आदमी को उठाया भी था, पर रिपोर्ट नहीं लिखी। इसलिए आक्रोशित होकर ग्रामीण सुबह सडक़ पर उतर आए और जाम लगा दिया। साथ ही पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया।
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सुबह बताई माता मूर्ति तोडऩे की बात
ग्रामीणों ने रात को शिवलिंग तोडऩे की शिकायत की लेकिन माता की मूर्ति तोड़ी गई इसकी शिकायत सुबह की गई। पुलिस इस मामले को संदेहास्पद मानकर चल रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना हैं कि कहना हैं कि रात को सिर्फ शिवलिंग ही अलग किया था फिर सुबह मूर्ति तोडऩे की बात कह रहे हो, रात को क्यों नहीं बताया तो ग्रामीण बोले कि रात को हमने देखा नहीं था।
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विवाद के पीछे सरकारी जमीन पर कब्जा
जींगनी गांव में मूर्ति तोडऩे के पीछे जो आक्रोश दिखाई दिया, उसके पीछे असल वजह आरोपी पक्ष के कुछ लोगों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा को लेकर थी और प्रशासन व पुलिस ने उस सरकारी अतिक्रमण को भी हटवा दिया। जिसकी आंदोलनकारियों ने मौके पर जिक्र भी किया था।
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