सर्दी कोहरे के बीच चंबल में बना ठिठुरन भरा मौसम, मौसम वैज्ञानिक बोले यह बात उन्होंने ग्रामीणों को समझाया तब कही जाकर करीब 12 बजे जाम खुल सका। उसके बाद ग्रामीणों के कहने पर सरकारी बिल्डिंगों से अतिक्रमण भी हटाया गया। विदित हो जींगनी गांव में रियासतकालीन जयश्वर महादेव मंदिर है। उस पर गांव के ही एक गुट ने शनिवार को भंडारा किया था। इसी दौरान शिवशंकर यादव पक्ष के लोगों से विवाद हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि रात को शिवशंकर यादव ने पहले शिवलिंग फिर माता की मूर्ति तोड़ दी। रात को पुलिस को रिपोर्ट कर दी थी और पुलिस ने एक आदमी को उठाया भी था, पर रिपोर्ट नहीं लिखी। इसलिए आक्रोशित होकर ग्रामीण सुबह सडक़ पर उतर आए और जाम लगा दिया। साथ ही पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया।
नमस्ते ट्रंप : प्रदेश के आशीष मिलेंगे यूएस प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप से, बिजनेस मीट में लेंगे भाग सुबह बताई माता मूर्ति तोडऩे की बात ग्रामीणों ने रात को शिवलिंग तोडऩे की शिकायत की लेकिन माता की मूर्ति तोड़ी गई इसकी शिकायत सुबह की गई। पुलिस इस मामले को संदेहास्पद मानकर चल रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना हैं कि कहना हैं कि रात को सिर्फ शिवलिंग ही अलग किया था फिर सुबह मूर्ति तोडऩे की बात कह रहे हो, रात को क्यों नहीं बताया तो ग्रामीण बोले कि रात को हमने देखा नहीं था।
नकल पर नकेल कसने की तैयारी, माशिमं लाइव देखेगा परीक्षा, यह है प्लान विवाद के पीछे सरकारी जमीन पर कब्जाजींगनी गांव में मूर्ति तोडऩे के पीछे जो आक्रोश दिखाई दिया, उसके पीछे असल वजह आरोपी पक्ष के कुछ लोगों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा को लेकर थी और प्रशासन व पुलिस ने उस सरकारी अतिक्रमण को भी हटवा दिया। जिसकी आंदोलनकारियों ने मौके पर जिक्र भी किया था।