घटनाक्रम के अनुसार दो मोटरसाइकिलों पर संतोष (25), सौरभ (11), नरेश (22), रंजीत (20) पुत्रगण रज्जन जाटव, सचिन (16) पुत्र जगदीश जाटव, सनी (16) पुत्र टीकाराम जाटव सवार थे। सभी लोग सरायछोला थाना क्षेत्र के संभरपुरा मौजा बंधा से बटाई पर लिए हुए खेत से गेंहू काटकर अपने घर नींम बसई थाना कोतवाली जिला धौलपुर राजस्थान लौट रहे थे।
ट्रॉला क्रमांक आरजे 05 जीबी 4305 के पीछे दोनों बाइक जा रही थीं। बाबा देवपुरी के नजदीक हाइवे पर ट्रोला ने अचानक तेज ब्रेक लगा दी तभी पीछे आ रहे ट्रक क्रमांक एचआर 38 एस 8267 के चालक ने पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त हुई कि दोनों बाइक ट्रोला में घुस गई और बाइकों पर सवार तीनों सगे भाई संतोष, सौरभ, नरेश एवं सचिन जाटव की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बाइक पर सवार रंजीत व सनी घायल हो गए। इनको इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां से गंभीर रूप से घायल रंजीत जाटव को ग्वालियर रैफर किया गया।
एक ही परिवार में बेटों की मौत से टूटा दुखों का पहाड़
धौलपुर के नींम बसई गांव में एक साथ एक ही परिवार के चार बेटों की मौत से दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। घर की माली हालत सुधारने रज्जन जाटव, टीकाराम जाटव, जगदीश जाटव के लडक़ों ने धौलपुर राजस्थान से आकर म प्र के मुरैना जिले के संभर का पुरा मौजा बंधा थाना सरायछोला में रामखिलाड़ी गुर्जर के खेत बटाई पर लेकर उनमें गेंहू की फसल उगाई थी। गेंहू की फसल पक चुकी थी, उसको काटने के लिए रज्जन जाटव के लडक़े संतोष, सौरभ, नरेश, रंजीत और जगदीश जाटव का लडक़ा सचिन, टीकाराम का लडक़ा सनी गुरुवार की शाम संभर का पुरा पहुंचे। वहां रात को गेंहू कटवाया और सुबह होने पर अपने घर नींम बसई लौट रहे थे। बाबा देवपुरी मंदिर के पास पहुंचे ही थे कि ट्रोला व ट्रक के बीच आकर कुचल गए। मृतकों को पीएम के लिए मुरैना पीएम हाउस और घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया।
बेसुध हुई मां और पिता की हालत खराब
संतोष, सौरभ व नरेश व सचिन की मौत की खबर पाकर सुबह जागे परिजनों के होश उड़ गए। वहीं पिता रज्जन जाटव व जगदीश जाटव की हालत खराब है। और मृतक पुत्रों की माताएं सुबह सोकर घर ग्रहस्थी के काम में जुटी थीं तभी अचानक उनको लडक़ों की मौत की खबर मिलती है। माताएं बेसुध हो गई और परिवार के लोग उनको समझाने में जुट गए लेकिन दुख का बज्रपात होने से हालत बेहद खराब है। रज्जन जाटव की माली हालत थी, जब उसके लडक़े बड़े हुए तो उन्होंने अपने पिता का हाथ बंटाना चाहा और राजस्थान से सटे मुरैना जिले के संभर का पुरा में खेती बटाई पर इसी आस में खेती की कि इसमें उपजे अनाज से हमारे पिता व परिवार की माली हालत सुधर जाएगी लेकिन ईश्वर को तो कुछ और ही मंजूर था।