मृतक अंशुल के परिजन का आरोप है कि उसकी बलि दी गई है। उन्होंने बताया कि गांव का ही एक व्यक्ति तांत्रिक है, जो इस तरह के क्रियाकलापों में लिप्त रहता है। कई नि:संतान लोग भी उसके पास पूजा-पाठ के लिए आते हैं। निश्चित तौर पर उसी ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर अंशुल की बलि दी है।
शव बरामद होने के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, उनके आधार पर पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि अधिकारी फिलहाल उनकी गिरफ्तारी की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं कर रहे हैं। पुलिस के मुताबिक अभी मामला पड़ताल में है। इसलिए कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
अंशुल अपने माता-पिता का इकलौटा बेटा था। उसके अलावा घर में उसकी एक बहन भी है। बताया गया है कि अंशुल फौज में भर्ती होना चाहता था। इसलिए नाबालिग होने के बावजूद उसने अभी से इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी थी। वह नियमित अलसुबह दौड़ का अभ्यास करने जाता था। रविवार को भी इसीलिए वह घर से निकला था।
पुलिस अधीक्षक डॉ. असित यादव के मुताबिक डोंडरी गांव में अंशुल गुर्जर का फिरौती के लिए अपहरण किया गया था। एसपी ने बताया कि इस वारदात में शामिल दीपू नाम के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई है। बता दें कि अंशुल के लापता होने के बाद उसके परिजन के पास फिरौती के लिए कोई कॉल नहीं आया था।
एएसपीआशुतोष बागरी ने बताया कि यह तो साफ है कि अंशुल की हत्या की गई है, लेकिन इसकी वजह क्या रही और किसने वारदात को अंजाम दिया। यह पड़ताल के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। जल्द ही आरोपी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।