इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी। जिले में हजारों किसान खेती से जीवन यापन कर रहे हैं। इस स्थिति में नहरी पानी की समस्या अक्सर रहती है। यदि किसानों के खेत में डिग्गी बन जाए तो उन्हें सिंचाई समस्याओं से निजात मिल जाएगी। साथ ही समुचित सिंचाई मिलने से फसल उत्पादन भी बढ़ सकेगा। जिले में बड़ी संख्या में किसानों ने खेत में डिग्गी बनाने के लिए आवेदन कर रखा है। सभी किसानों के खेत में डिग्गी बनने पर इसका फायदा सरकार व किसान दोनों को मिलेगा।
मंडी में फसल आने पर सरकार को मंडी टैक्स भी मिलता है। इस तरह फसल उत्पादन बढ़ने पर सबको लाभ मिलेगा। किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। कृषि विभाग में आत्मा प्रोजेक्ट के उप निदेशक रमेश चंद्र बराला के अनुसार जिले को आठ करोड़ रुपए स्वीकृत होने के बाद किसानों के बिल पास कर दिए गए हैं। इसके बाद किसानों के खातों में राशि जमा होने लगी है।
तीन लाख मिलता अनुदान
डिग्गी निर्माण के बाद नियमानुसार सामान्य वर्ग के किसानों को अधिकतम तीन लाख तथा लघु सीमांत वर्ग के किसानों को अधिकतम तीन लाख 40 हजार रुपए के हिसाब से अनुदान दिया जाता है। नियमानुसार डिग्गी निर्माण के लिए चार लाख लीटर की बाध्यता निर्धारित है। राज्य के नहरी क्षेत्र जहां सिंचाई बारी स्वीकृत होगी, वहीं के किसान अनुदान के पात्र हैं। आवेदनकर्ता के पास न्यूनतम 0.5 हैक्टैयर यानी आधा हेक्टैयर सिंचित क्षेत्र होना जरूरी है।
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मांग अधिक, लक्ष्य कम
डिग्गी निर्माण को लेकर वर्ष 2023-24 में हनुमानगढ़ जिले में करीब 18000 किसानों ने आवेदन किया था। इसमें हनुमानगढ़ जिले में बारह सौ डिग्गी निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इसे किसान काफी कम बता रहे हैं। कृषि प्रधान जिले में नहरी पानी की कमी से किसान लगातार जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकार ड्रिप इरीगेशन को बढ़ावा देने को लेकर योजना चला रही है। ऐसे में डिग्गी निर्माण के लक्ष्य बढ़ाने की जरूरत है।
चालू वित्तीय वर्ष में जिले में करीब 1200 डिग्गियों के निर्माण का लक्ष्य मिला है। भौतिक सत्यापन के बाद बिल बनाकर भेज दिए गए हैं। डिग्गी निर्माण तथा अनुदान भुगतान होने पर किसानों को काफी लाभ मिलेगा।
बीआर बाकोलिया, सहायक निदेशक, कृषि, हनुमानगढ़।